tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post1820598360607597658..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: कहानी—---न गांव न शहर... डा श्याम गुप्ता ... shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-22379088678549209702011-05-21T16:22:59.373+05:302011-05-21T16:22:59.373+05:30बिलकुल सही कहा है आपने अब गावं में वो पहले वाली बा...बिलकुल सही कहा है आपने अब गावं में वो पहले वाली बात नहीं रह गयी है वह सौंदर्य जाने कहाँ खो सा गया है वह आत्मीयता भी नजर नहीं आती सब कुछ शहर की भेंट चढ़ चुका है !मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-4580953638470822422011-05-20T15:03:48.034+05:302011-05-20T15:03:48.034+05:30वह अब न तो गांव ही रहा है, न शहर ही हो पाया है।
य...वह अब न तो गांव ही रहा है, न शहर ही हो पाया है।<br /><br />यही सत्य है हम सबका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-40744607962507247742011-05-20T09:25:37.488+05:302011-05-20T09:25:37.488+05:30---बहुत सत्य कहा राकेश जी---राम नाम तो स्वयं में ए...---बहुत सत्य कहा राकेश जी---राम नाम तो स्वयं में एक शाश्वत सत्य है और सदा ही जपा जासकता है उसके लिये क्या उम्र..क्या समय, क्या दर्शन और क्या संसार...<br />---दुनिया के सारे कष्ट व झगडे-झन्झट सबका एक यही इलाज़ है... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-49445743726932932282011-05-19T23:21:54.998+05:302011-05-19T23:21:54.998+05:30काल चक्र सभी कुछ ग्रस लेता है. रह जातीं हैं तो बस ...काल चक्र सभी कुछ ग्रस लेता है. रह जातीं हैं तो बस स्मर्तियाँ कुछ मिठ्ठी कुछ खट्टी.शरीर भी तो कालचक्र का नित्य ग्रास है.मधुर बचपन,सुन्दर जवानी और फिर अधेड़ावस्था से बुढ़ापा ,जिसका कोई इलाज नहीं.अंत में तो सब'राम राम सत् '<br />ही कहतें हैं.<br />तब डॉ. साहब 'राम राम' अभी ही जप लिया जाये,शान्ति तो मिलती ही है.<br />आपकी भावपूर्ण स्मर्तियों से ओत प्रोत सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार ,जिसने मुझे दार्शनिक ही बना दिया.बुरा न मानियेगा, प्लीज.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.com