tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post3621527015868115103..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: गरमी ---घनाक्षरी छंद --८ पंक्तियाँ ,वार्णिक छंद shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-23877717177747510552009-05-27T13:42:29.862+05:302009-05-27T13:42:29.862+05:30धन्य्वाद विक्रान्त.
वैसे ब्लोगर्स कविता व विचार-प...धन्य्वाद विक्रान्त.<br /> वैसे ब्लोगर्स कविता व विचार-प्रवाह पर कम, ्शायरी पर अधिक कमेन्ट कर रहे हैं??डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-79915439444401774062009-05-27T13:41:51.068+05:302009-05-27T13:41:51.068+05:30धन्य्वाद विक्रान्त.
वैसे ब्लोगर्स कविता व विचार-प...धन्य्वाद विक्रान्त.<br /> वैसे ब्लोगर्स कविता व विचार-प्रवाह पर कम, ्शायरी पर अधिक कमेन्ट कर रहे हैं??डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-67728119559773877512009-05-05T10:01:00.000+05:302009-05-05T10:01:00.000+05:30हर गली गाँव हर नगर मग ठांव ,
जन जन जल शीतल पेय है...हर गली गाँव हर नगर मग ठांव ,<br /><br />जन जन जल शीतल पेय हैं पिला रहे । <br /><br />कहीं हैं मिष्ठान्न बाटें, कहीं है ठंडाई घुटे ,<br />मीठे जल की भी कोई प्याऊ लगवा रहे ।<br />राह रोकि हाथ जोरि ठंडा जल भेंट कर ,<br />हर तप्त राही को ही ठंडक दिला रहे।<br />भुवन भास्कर धरि मार्तंड रूप श्याम ,<br />उंच नीच भाव मनहु मन के मिटा रहे॥<br /><br /><br /><br />बहुत खूब श्याम जी !!!!!!!!!!विक्रांत बेशर्माhttps://www.blogger.com/profile/07105086711896834472noreply@blogger.com