tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post4353930494255324509..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: योग गुरु रामदेव जी के सन्स्थान का खुदरा बाज़ार में उतरना..... डा श्याम गुप्त... shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-74382577293490052512012-04-11T14:24:24.866+05:302012-04-11T14:24:24.866+05:30धन्यवाद पान्डे जी एवं धीरेन्द्र जी......सही कहा मौ...धन्यवाद पान्डे जी एवं धीरेन्द्र जी......सही कहा मौलिक अधिकार है....डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-36276368008324067342012-04-10T21:19:59.174+05:302012-04-10T21:19:59.174+05:30बाजार में अपना माल बेचना खरीदना हमारा मौलिक अधिकार...बाजार में अपना माल बेचना खरीदना हमारा मौलिक अधिकार है,....<br /> <br />RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/blog-post_06.html#comment-form" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....</a><br />RECENT POST...<a href="http://dheerendra21.blogspot.in/2012/04/blog-post_08.html#comment-form" rel="nofollow">फुहार....: रूप तुम्हारा...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-72267715095217486592012-04-10T20:27:19.852+05:302012-04-10T20:27:19.852+05:30राकेश जी के बातों से सहमत .... स्वार्थ रहित कार्य...राकेश जी के बातों से सहमत .... स्वार्थ रहित कार्य यदि समाज के हित में है तो उसकी घृष्ट आलोचना व्यर्थ है ..योग का तो अर्थ ही है जोड़ना ..जो की स्वामी रामदेव जी बखूबी कर रहे हैं ...व्यर्थ के भौकने वालों पर ध्यान नहीं देना चाहिए ..आज तो ऐसे लोग बहुत से मिल जायेंगे जो अपने स्वार्थ के सिवा कुछ तो कर नहीं सकते ...किन्तु यदि कोई कुछ अच्छा करना चाहता है तो उसकी टांग खीने में सैदेव आगे रहेंगे ...मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-63078469113060997132012-04-10T19:27:38.075+05:302012-04-10T19:27:38.075+05:30धन्यवाद राकेश जी ...निश्चय ही प्रत्येक वस्तु-विचार...धन्यवाद राकेश जी ...निश्चय ही प्रत्येक वस्तु-विचार-कर्म में...स्वार्थ रहित होने पर ही हम अपनी पूरी क्षमता व योग्यता से उसके कार्यान्वन में सफ़ल हो सकते हैं.... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-21333805068965864092012-04-10T19:22:32.891+05:302012-04-10T19:22:32.891+05:30बाजार में तो सबका समान अधिकार है।बाजार में तो सबका समान अधिकार है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-8466509519753513352012-04-10T17:24:59.784+05:302012-04-10T17:24:59.784+05:30आपके विचारों से सहमत हूँ,डॉ साहब.
स्वार्थ की मुक्...आपके विचारों से सहमत हूँ,डॉ साहब.<br />स्वार्थ की मुक्ति से ही परमार्थ का मार्ग<br />प्रशस्त हो पायेगा.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.com