tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post6174514535180948824..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: हम, तब और अब... दृष्टिकोण व चरित्र ...डा श्याम गुप्त shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-16074808935502872382013-01-15T22:14:17.249+05:302013-01-15T22:14:17.249+05:30सही व उचित प्रश्न है पांडे जी....
----वास्तव में प...सही व उचित प्रश्न है पांडे जी....<br />----वास्तव में प्रश्न तो किसी पर भी उठाये ही जा सकते हैं....यद्यपि वह तो एक ही परिवार की बात थी,भीष्म तो फिर भी उस परिवार का नमक खाए हुए थे उनके लिए दोनों बराबर थे ....<br />---परन्तु यहाँ तो सब अनजाने थे किसी पर कोइ दबाव नहीं था फिर वे क्यों कर्तव्य से चुके ..सिर्फ स्वार्थवश....<br />---- भीष्म का दोष निश्चय ही आज के लोगों से कम ही माना जायगा... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-15612351550434346442013-01-15T20:13:19.210+05:302013-01-15T20:13:19.210+05:30भीष्म तो नमक की दुहाई दे दिये, दो घंटे तक बिना ध्य...भीष्म तो नमक की दुहाई दे दिये, दो घंटे तक बिना ध्यान दिये निकल जाने वाले किसका नमक खाये हुये थे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com