tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post6433060420045544149..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: ----दीपयन्ती को १००१ और खिलाडी को एक करोड...डा श्याम गुप्त... shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-87370586586029356252011-04-05T08:06:36.016+05:302011-04-05T08:06:36.016+05:30कहीं धूप तो कहीं छाँव।कहीं धूप तो कहीं छाँव।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-12058517154461918842011-04-04T22:30:46.758+05:302011-04-04T22:30:46.758+05:30भाई साहब ! वाकई आपने एक ज्वलंत सवाल उठाया है. आपके...भाई साहब ! वाकई आपने एक ज्वलंत सवाल उठाया है. आपके विचारों से मै भी शत-प्रतिशत सहमत हूं .क्रिकेट आज वास्तव में बाजारवाद का बेशर्म खेल बन गया है . यह अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों और शराब-ठेकेदारों के काले धन का खेल है. दुःख की बात है कि कबड्डी ,खो-खो ,हाकी फुटबॉल,वालीबॉल जैसे हमारे तमाम सस्ते लेकिन रोचक और स्वास्थ्यवर्धक देशी परिवेश के खेल इसके चलते विलुप्त होते जा रहे हैं . चैत्र-नवरात्रि और भारतीय नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. माँ दुर्गा क्रिकेट के इन व्यापारीनुमा खिलाड़ियों और उनके पालनहारों को सदबुद्धि दे , नव-रात्रि पर यही प्रार्थना है.Swarajya karunhttps://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.com