tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post7115471309106627494..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: श्याम लीला .1 - गोधन चोरी.... ----डा श्याम गुप्त.. shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-36821592848529442482011-05-14T12:30:40.949+05:302011-05-14T12:30:40.949+05:30राकेश जी --आपकी राम कथा के तत्वार्थ तो सदा ही त्रि...राकेश जी --आपकी राम कथा के तत्वार्थ तो सदा ही त्रिविध शान्तिदायक हैं... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-89140700860046650732011-05-14T12:29:32.056+05:302011-05-14T12:29:32.056+05:30धन्यवाद..अम्रता जी व पान्डे जी..
धन्यवाद वर्षा जी-...धन्यवाद..अम्रता जी व पान्डे जी..<br />धन्यवाद वर्षा जी--- shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-69092751775049232932011-05-12T10:14:38.217+05:302011-05-12T10:14:38.217+05:30राकेश जी--आपके ब्लोग पर राम कथा की तात्विक व्याख्य...राकेश जी--आपके ब्लोग पर राम कथा की तात्विक व्याख्या पढना/ गुनना/ मनन करना सदैव सुखद त्रिविध-शान्तिदायक होता है... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-79496804420577851812011-05-12T10:09:32.055+05:302011-05-12T10:09:32.055+05:30धन्यवाद अम्रता जी--अन्यथा न लेने के लिये...मेरे वि...धन्यवाद अम्रता जी--अन्यथा न लेने के लिये...मेरे विचार में गूढ विषय-भावों के सम्प्रेषण के लिये ही तो सरल शब्दावली चाहिये...<br />--धन्यवाद पान्डे जी <br />---धन्यवाद डा वर्षा जी---आपकी सरल, सहज़ शब्दावली के साथ गहन अर्थपरक पर रचनायें प्रशन्सनीय हैं...बधाई... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-10322180347411734842011-05-12T00:20:23.046+05:302011-05-12T00:20:23.046+05:30बहुत सही विषय चुना है आपने....हरि अनन्त हरि कथा अन...बहुत सही विषय चुना है आपने....हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता....<br />हार्दिक धन्यवाद!Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-5016406234663297912011-05-11T21:46:25.198+05:302011-05-11T21:46:25.198+05:30कान्हा का प्यारा गोकुल।कान्हा का प्यारा गोकुल।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-28842612624226649762011-05-11T18:22:41.459+05:302011-05-11T18:22:41.459+05:30श्याम जी,आपको हार्दिक धन्यवाद कि आपने मुझे सही सला...श्याम जी,आपको हार्दिक धन्यवाद कि आपने मुझे सही सलाह दी है.मैं कोशिश करुँगी सरल भाषा में लिखूं ..पर गंभीर बातों को कहने के लिए इन शब्दों का उपयोग करना पड़ता है.फिर भी मैं कोशिश करुँगी.बहुत अच्छा लगा कि आपने इस योग्य समझा .आपको पढ़ना भी सुखद है.धन्यवादAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-63553990948208605622011-05-11T17:51:59.428+05:302011-05-11T17:51:59.428+05:30धन्यवाद अम्रता जी ....
--सही कहा राकेश जी..आभार..
...धन्यवाद अम्रता जी ....<br />--सही कहा राकेश जी..आभार..<br />----सामाजिक-व्यवहार भाव, ग्यान भाव व तात्विक-विवेचनात्मक व्याख्या भाव द्वारा कहा जा सकता है इन सभी प्रसन्गों को.....हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता.... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-61233788646715165792011-05-11T16:08:48.360+05:302011-05-11T16:08:48.360+05:30बहुत सुन्दर.माखन चोरी और गगरी फोड़ने के अनेक गहन अ...बहुत सुन्दर.माखन चोरी और गगरी फोड़ने के अनेक गहन अर्थ हों सकते हैं.भक्त यानि गोपियाँ जो तत्व-चिंतन रुपी माखन काढ़ते हैं उसे भगवान अपने सखाओं के साथ चोरी करके भी खाना पसंद करतें हैं और गगरिया फोड़ने से तात्पर्य उनकी संकुचिता या अहंकार को नष्ट करना भी हों सकता है.<br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.<br />इस बार अभी तक भी आप नहीं आयें हैं मेरे ब्लॉग पर.आपका इंतजार है.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-57686010466404336062011-05-11T15:27:57.467+05:302011-05-11T15:27:57.467+05:30आज के सन्दर्भ में बिलकुल सटीक,सुन्दर शैली ,उत्तम भ...आज के सन्दर्भ में बिलकुल सटीक,सुन्दर शैली ,उत्तम भाषा ..आभारAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.com