tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post7135102226457212260..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: श्याम स्मृति --- श्रम के रूपभाव एवं श्रम कल और आज. और .बहु राष्ट्रीय कम्पनियाँ,... डा श्याम गुप्त .... shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-3637664590601251222013-08-14T22:53:32.031+05:302013-08-14T22:53:32.031+05:30धन्यवाद शर्माजी व पण्डे जी.....धन्यवाद शर्माजी व पण्डे जी..... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-26338729028865915322013-08-14T22:09:39.179+05:302013-08-14T22:09:39.179+05:30अपने अनुसार विश्व का दर्शन मोड़ते जीवन।अपने अनुसार विश्व का दर्शन मोड़ते जीवन।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-25281055224304406222013-08-13T00:21:20.822+05:302013-08-13T00:21:20.822+05:30बढ़िया अपडेट जानकारी पूर्ण। आभार आपकी टिप्पणियों क...बढ़िया अपडेट जानकारी पूर्ण। आभार आपकी टिप्पणियों के लिए। डॉ श्याम गुप्तजी कबीर के साहित्य में बहुत कुछ मिश्रण भी आ गया है कहत कबीर सुनों भाई साधो डालके बहुत कुछ स्मृति और श्रवण के आधार पर बाद में भी जोड़ा गया है। इसीलिए कहीं पर छंद भंग हुआ अहै कहीं पर भाव -त्रिगुण ,तिरगुन। शब्द भी इस्तेमाल हुआ है। यु ट्यूब पर इस भजन के सारे संस्करण मौजूद हैं। सुनें आनंद पूरा आयेगा। धन्यवाद आपकी जानकारी के लिए। <br /><br />बाज़ार की शक्तियों का आपने अच्छा खुलासा किया है। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com