tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post7157517740803062588..comments2023-11-03T15:45:47.907+05:30Comments on श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..: वेद व गीता पर दुरभिसंधि ..पर प्रत्युत्तर....ड़ा श्याम गुप्त... shyam guptahttp://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-33827390876394182142013-12-13T13:28:26.837+05:302013-12-13T13:28:26.837+05:30धन्यवाद राकेश जी, पांडे जी एवं मदन जी...धन्यवाद राकेश जी, पांडे जी एवं मदन जी... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-58891551268990961212011-09-26T23:46:26.464+05:302011-09-26T23:46:26.464+05:30आपने सुन्दर निराकरण प्रस्तुत किये हैं.
गीता मुख्य ...आपने सुन्दर निराकरण प्रस्तुत किये हैं.<br />गीता मुख्य मुख्य उपनिषदों में से एक उपनिषद है.<br />उपनिषद को 'वेदान्त' या 'वेद शिरा' भी कहा गया है.उपनिषद दूसरे शब्दों में वेदों का निचोड़ ही कहे जाते हैं, जिनका मुख्य विषय ब्रहम विद्या का प्रतिपादन करना है.वेदों का मुख्य विषय ब्रह्म विद्या ही है.वेद और उपनिषद का सही अर्थ समझने के लिए अधिकारी और सुपात्र होना आवश्यक है. जैसे डाक्टरी की किताब का अनाधिकारी व्यक्ति द्वारा सही अर्थ निकालना मुश्किल है,ऐसे ही वेद उपनिषद पर कोई भी अनर्गल बात अनाधिकारी द्वारा कही जा सकती है.उनकी मनमानी बाते गौरतलब नहीं हो सकतीं हैं.हाँ,श्रद्धावानों के लिए निराकरण आवश्यक है,जो आपने बहुत अच्छे से प्रस्तुत किया है.<br />बहुत बहुत आभार,डॉ.साहिब.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-81884750799637116462011-09-26T21:21:37.425+05:302011-09-26T21:21:37.425+05:30बहुत खूब! महर्षि दयानंद के अनुसार तो गीता तो यजु...बहुत खूब! महर्षि दयानंद के अनुसार तो गीता तो यजुर्वेद के ४० वे अध्याय का विशद व्याख्यानं हैमदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180892187599976558.post-35590687878208513102011-09-26T19:06:26.923+05:302011-09-26T19:06:26.923+05:30सच है, विशद व्याख्या के लिये पूरा पढ़ना आवश्यक है।...सच है, विशद व्याख्या के लिये पूरा पढ़ना आवश्यक है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com