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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

तर गए प्रोफ सी एन राव .....डा श्याम गुप्त.......

                                       ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...



               तर गए प्रोफ सी एन राव 



       







         भगवान ( चाहे क्रिकेट जैसे व्यर्थ के एवं विदेशी और धन्धेबाज़ व पैसे के लिए, पैसे से सराबोर खेल का ही क्यों न हो ) के साथ उन्हें भी भारत-रत्न मिलने पर एक अनजाने वैज्ञानिक, सामान्य वीवीआईपी विश्व-विख्यात वैज्ञानिक प्रोफ. चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव को  (जिन्हें भारत की अधिकाँश जनता नहीं जानती है, जबकि भगवान सचिन रमेश तेंदुलकर को दुनिया का बच्चा बच्चा, युवा, बड़े-बूढ़े, गली के कूड़े सभी जानते हैं )  तो वास्तव में ही स्वयं को भाग्यशाली मान लेना ही चाहिए | यही प्रदर्शित कर रहे हैं हमारे दृश्य-श्रृव्य-प्रिंट -मीडिया देखिये ये टिप्पणियाँ .....
      “ मास्टर ब्लास्टर सचिन जहां क्रिकेट के मैदान पर शतकों के शतक  (चाहे जिस के लिए उन्हें अनावश्यक काफी समय तक जबरदस्ती टीम में खेलना-झेलना पडा हो ) बना चुके है वहीं प्रख्यात वैज्ञानिक प्रोफ राव ( भी ? ) शोध जगत के शतकवीर हैं|”......... “जिस तरह सचिन क्रिकेट के मास्टर हैं उसी तरह प्रोफ राव भी वैज्ञानिक शोध क्षेत्र के मास्टर माने जाते हैं |”
     अर्थात सचिन की ही तरह हैं प्रोफ.राव..... सचिन की प्रतिच्छाया की भाँति... उन्हीं के पद-चिन्हों पर |
       मीडिया को भी प्रोफ राव के बारे में शायद ही अधिक ज्ञान हो, यदि सचिन को भारत-रत्न नहीं मिलता तो न वे प्रोफ राव के बारे में जानते न भारत-रत्न के | न भारत-रत्न पुरस्कार के बारे में हर टीवी चेनल, समाचार-पत्र में समाचार, कालम, आलेख, फेस-बुक, ट्विटर  पर दुनिया भर के कमेंट्स |
          शायद मैं स्वयं भी यह आलेख नहीं लिख रहा होता ? इसे कहते हैं भगवान की महिमा.....
 “ को न होइ वाचाल, मूर्ख ज्ञानधारी विकट”
 जासु कृपा सौं श्याम, हों अजान विख्यात अतिं |”
 
       जब रोम जल रहा था तो नीरो वंशी बजा रहा था और रोम की जनता बड़े-बड़े स्टेडियमों में खेलों में व्यस्त थी |
         हम कब समझेंगे ?