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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

रविवार, 9 फ़रवरी 2025

श्री राधा जी किसका अवतार थी? – डॉ. श्याम गुप्त

....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

पुराण रहस्य----राधा रहस्य--

श्री राधा जी किसका अवतार थी? – डॉ. श्याम गुप्त

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भगवान श्रीकृष्ण के बारे में कई पुराणों में लिखा है कि वह भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। देवी राधा को देवी लक्ष्मी का अवतार बताया गया है। सुदामा और श्रीदामा को श्रीकृष्ण के गोलोक का साथी कहा गया है।

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लेकिन महाभागवत पुराण में श्रीकृष्ण और देवी राधा के अवतार की जो कथा है वह अद्भुत है। इसी कथा में सुदामा और श्रीदामा के पूर्वजन्म का भी रहस्य छुपा हुआ है। इस पुराण में बताया गया है कि देवीराधा लक्ष्मी की अवतार नहीं हैं। इस पुराण में देवी राधा और भगवान कृष्ण के प्रेम का रहस्य भी बताया गया है।

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शिव ने रची लीला राधा कृष्ण के अवतार की|

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एकबार भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर विहार कर रहे थे। तभी भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि मेरी सभी इच्छाएं पूरी हो चुकी हैं सिवाय एक इच्छा के। जिसे केवल तुम ही उसे पूर्ण कर सकती हो। माता पार्वती ने शिव से पूछा कि आपकी ऐसी कौन सी इच्छा है, आप बताइए, मैं उसे अवश्य पूर्ण करूंगी।

****** शिव ने माता पार्वती से कहा कि अगर तुम मुझ पर प्रसन्न हो तो एक बार तुम पृथ्वीलोक पर पुरुष के अवतार में जन्म लो और मैं तुम्हारी प्रियतम बनकर स्त्री के रूप में जन्म लूं। वहां तुम मेरे स्वामी और मैं तुम्हारी पत्नी बनकर रहूं, बस यही मेरी इच्छा है। माता पार्वती ने शिवजी की इस इच्छा को स्वीकृति दे दी।

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माता पार्वती ने कहा कि भद्रकाली का मेरा स्वरूप पृथ्वी पर कृष्ण का अवतार लेगा और आप अपने अंश से स्त्री का रूप धारण कर लीजिए।

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नौ रूपों में शिवजी हुए थे पृथ्वी पर अवतरित |

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शिवजी ने कहा कि मैं पृथ्वी पर नौ रूपों में प्रकट होउंगा। सबसे पहले वृषभानुपुत्री राधा के रूप में जन्म लूंगा। तब मैं तुम्हारे साथ प्राणप्रिय होकर प्रेम विहार करूंगा।

-----शिवजी ने माता पार्वती से कहा कि राधा के अतिरिक्त मैं कृष्ण की आठ पटरानियों के रूप में जन्म लूंगा। जिसमें रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवंती, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा मेरा ही अंश होंगी।

----इसके साथ ही जो मेरे भैरव रूप हैं वो भी पृथ्वी पर रमणीरूप धारणकर भूमि पर अवतरित होंगे। यह थे **श्रीदामा और सुदामा** |

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माता पार्वती ने कहा कि आपकी इच्छा अवश्य पूरी होगी। मैं इन सभी के साथ ऐसा विहार करूंगी, जो इतिहास में आजतक किसी ने नहीं किया होगा। इसके साथ ही..

----- मेरी **जया और विजया** नाम की दोनो सखियां पुरुष रूप में पृथ्वी पर जन्म लेंगी, जो **श्रीदामा और सुदामा** होंगी।

----- ***भगवान विष्णु ***भी पृथ्वी पर मेरे बड़े भाई बनकर पृथ्वी पर जन्म लेंगे, जो **बलराम और अर्जुन** के नाम से प्रसिद्ध होंगे। जो हर कार्य में मेरा साथ देंगे।

माता पार्वती ने कहा कि इस तरह मैं आपके साथ पृथ्वी पर पुरुष रूप में विरह करके वापस कैलाश पर लौट आउंगी।

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इसके बाद ब्रह्माजी से आज्ञा लेकर मां काली के रूप में श्रीकृष्ण और राधारानी के रूप में भगवान शिव धरती पर अवतरित हुए।

----- महाभारत काल में पांडवों ने मां भगवती की पूजा की थी, तब मां भगवती ने कहा था कि मैंने श्रीकृष्ण रूप में धरती पर अवतार लिया है और कंस का वध किया है। कौरवों के अंत तक मैँ कृष्ण रूप में तुम्हारे साथ रहूंगी।