मुस्कुराओ जला कर दिए,
दीप जगमग तो कर लीजिये |
दीप आशा के जलते रहें,
सौख्य समता सहज़ता लिए |
दीप को जब जलाओगे तुम,
सामने हम ही होंगे सनम |
अर्चना के दिए जब जलेंगे ,
याद में हम ही होंगे सनम |
भोर आशा की मन में जगे,
ऐसी दीपों की माला सजे |
दूर हों वे अँधेरे जहां के,
ज़िंदगी में उजाला भरे |
तेरे दिल की ये तनहाइयां,
और अंधेरों की गहराइयाँ |
यादों के सहरा में भी सनम,
लायें जीवन में अंगडाइयां |
दीप की ज्योति से हो तरंगित,
तेरे मन का सुमन खिल उठे |
याद करके हमें मुस्कुराओ,
मुस्कुराओ जला कर दिए ||