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....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
क्या इसे ही कहते हैं ...चोरी और सीना जोरी ....देखिये और पढ़िए खुशवंत सिंह का यह वक्तव्य......असेम्बली कांड में भगत सिंह आदि के विरुद्ध गवाही देकर देश व भारतीयता के विरुद्ध व अंग्रेजों की सहायता करने वाले देश-द्रोही शोभा सिंह (खुशवंत सिंह के पिता ) की ....देश द्रोहिता को सच सिर्फ सच ....के परदे में छिपाकर अपराध से बचकर निकलना ......ऐसे देशद्रोही परिवार को क्यों भारत सरकार इतना प्रश्रय देरही है...क्यों ये पत्रिकाएं महत्त्व देते हैं......ऐसे परिवारों के न जाने कितने लोग आजसेक्यूलरों, पत्रकारों, साहित्यकारों व नेताओं के रूप में छुपे बैठे हैं??????