....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
सरकार के मन्त्री गण लगातार कह रहे हैं कि बाबा के पीछे आर एस एस, भा ज पा हैं , बाबा तो मुखौटा है इसके पीछे साम्प्रदायिक पार्टियों का एजेन्डा है----
-----किसने कन्ग्रेसियों को यह अधिकार दिया कि देश की एक राष्ट्रीय पार्टी को साम्प्रदायिक कहा जाय.....क्या हिन्दुत्व व भगवा रन्ग ही साम्प्रदायिकता का प्रतीक है...तो सारा भारत साम्प्रदायिक है.....सभी मन्दिर-मठ- धार्मिक स्थलों पर यही झन्डा होता है.....यह सारे हिन्दुस्तान का ही नहीं......दर्शन, धर्म, शान्ति, आनन्द का रंग है.....विश्व की शान्ति का रंग है...
----यदि एक अच्छे कार्य के लिये देश की राष्ट्रीय पार्टी किसी के समर्थन में है तथा विभिन्न धर्म के लोग भी साथ हैं ...( ईसाई नही थे, कोई पादरी नहीं था -जो दुर्भाग्य की बात है ) तो इसे देश व समाज का सौभाग्य कहा जायगा........क्या इससे कन्ग्रेस व मौजूदा सरकार को कोई परेशानी है...
----- तो क्या सिर्फ़ इसीलिये बच्चों स्त्रियों को मारा-पीटा गया कि वे भगवा रंगधारी के समर्थन में क्यों दिल्ली आये...
कौन देगा इसका उत्तर....?????
सरकार के मन्त्री गण लगातार कह रहे हैं कि बाबा के पीछे आर एस एस, भा ज पा हैं , बाबा तो मुखौटा है इसके पीछे साम्प्रदायिक पार्टियों का एजेन्डा है----
-----किसने कन्ग्रेसियों को यह अधिकार दिया कि देश की एक राष्ट्रीय पार्टी को साम्प्रदायिक कहा जाय.....क्या हिन्दुत्व व भगवा रन्ग ही साम्प्रदायिकता का प्रतीक है...तो सारा भारत साम्प्रदायिक है.....सभी मन्दिर-मठ- धार्मिक स्थलों पर यही झन्डा होता है.....यह सारे हिन्दुस्तान का ही नहीं......दर्शन, धर्म, शान्ति, आनन्द का रंग है.....विश्व की शान्ति का रंग है...
----यदि एक अच्छे कार्य के लिये देश की राष्ट्रीय पार्टी किसी के समर्थन में है तथा विभिन्न धर्म के लोग भी साथ हैं ...( ईसाई नही थे, कोई पादरी नहीं था -जो दुर्भाग्य की बात है ) तो इसे देश व समाज का सौभाग्य कहा जायगा........क्या इससे कन्ग्रेस व मौजूदा सरकार को कोई परेशानी है...
----- तो क्या सिर्फ़ इसीलिये बच्चों स्त्रियों को मारा-पीटा गया कि वे भगवा रंगधारी के समर्थन में क्यों दिल्ली आये...
कौन देगा इसका उत्तर....?????