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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

सोमवार, 6 जून 2011

सरकार, कान्ग्रेस , बावा रामदेव पर लाठी चार्ज व भ्रष्टाचार....

                                                          ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...                                            
                                    सरकार के मन्त्री गण लगातार कह रहे हैं कि बाबा के पीछे आर एस एस, भा ज पा हैं , बाबा तो मुखौटा है इसके पीछे साम्प्रदायिक पार्टियों का एजेन्डा है----
 -----किसने कन्ग्रेसियों को यह अधिकार दिया कि देश की एक राष्ट्रीय पार्टी को साम्प्रदायिक कहा जाय.....क्या हिन्दुत्व व भगवा रन्ग ही साम्प्रदायिकता का प्रतीक है...तो सारा भारत साम्प्रदायिक है.....सभी मन्दिर-मठ- धार्मिक स्थलों पर यही झन्डा होता है.....यह सारे हिन्दुस्तान का ही नहीं......दर्शन, धर्म, शान्ति, आनन्द का रंग है.....विश्व की शान्ति का रंग है...
----यदि एक अच्छे कार्य के लिये देश की राष्ट्रीय पार्टी किसी के समर्थन में है तथा  विभिन्न धर्म के लोग भी साथ हैं ...( ईसाई नही थे, कोई पादरी नहीं था -जो दुर्भाग्य की बात है )  तो इसे देश व समाज का सौभाग्य कहा जायगा........क्या इससे कन्ग्रेस व मौजूदा सरकार को कोई परेशानी है...
----- तो क्या सिर्फ़ इसीलिये बच्चों स्त्रियों को मारा-पीटा गया कि वे भगवा रंगधारी के समर्थन में क्यों दिल्ली आये...
                            कौन देगा इसका उत्तर....?????