सही प्रश्न है - कहीं यह लेट-लतीफी जान बूझा कर तो नहीं | हर जगह शिक्षा के क्षेत्र में ,कम्युनिस्ट , साम्यवादी खेमे व शिक्षा माफिया अपने खूंटे गाडे हुए हैं , जिनका उद्देश्य हिन्दी, हिन्दुस्तानी तंत्र को बदनाम करना होता है| यूं पी बोर्ड को भी कहीं बदनाम करने का यह षडयंत्र तो नहीं ???
------------दे.हि समाचार -०२-१०-०९ ---------------->
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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...
- shyam gupta
- Lucknow, UP, India
- एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त
शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2009
गांधीजी और आज के बच्चे ----
बच्चों ने गांधीजी के बारे में आधे-अधूरे जबाव दिए ?
------लोग भी क्या पुराने , बूढे ,एतिहासिक लोगों के बारे में पूछा करते है, क्या आज के नेताओं को, अफसरों को , क्षात्रों को पूरा पता है गांधी के बारे में ?
-------फ़िल्म, फ़िल्म के हीरो,हीरोइन, अंग्रेजी फ़िल्म के हीरो, सोंग्स , विडियो , डांस , अंग्रेजी उपन्यास,शेयर के बारे में क्यों नहीं पूछते !!! इन से फुर्सत मिले तबतो-------- -- समाचार - हिन्दुस्तान दैनिक -०२-१०-०९
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