चित्र-१. |
हम क्या आशा करें ..एसे स्वामियों को जो यह कहते हुए भी कि यह राजनैतिक कार्यक्रम नहीं है...अपने वक्तव्य में उल-जुलूल राज़नैतिक बातों को कहते हैं ...देखें समाचार-चित्र-१....
---क्या स्वामीजी के अनुसार ..रामराज्य ..कल्याण राज्य नहीं था..... राम राज्य का तो उदाहरण इसीलिये दिया-लिया जाता है कि वह कल्याणकारी राज्य का अनुपमतम उदाहरण है.....
----जाति, धर्म और शराव बेचने वाली राजनेति समाप्त होनी चाहिए ....अर्थात उनके अनुसार धर्म का दर्ज़ा ..जाति व शराव के समकक्ष है ......क्या स्वामीजी धर्म व कल्याण का अर्थ भी जानते हैं .....??