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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

सोमवार, 3 नवंबर 2014

बड़ी है यह समस्या...... डा श्याम गुप्त,,,,

                            ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...




       


        उपरोक्त विवरण में राज्यों की जनसंख्या पर प्रतिशत वैश्यावृत्ति को दृष्टिगत करने पर हम दो वर्ग देखते हैं—

१,जिन राज्यों में सामाजिक बंधन अच्छे हैं, महिलाओं –पुरुषों में खुलापन कम है  वहा सबसे कम वैश्यावृत्ति है, जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश , गुजरात ... ये प्रदेश अपेक्षाकृत कम आय व शिक्षा वाले होते हुए भी |

२. जिन राज्यों  में सामाजिक बंधन शिथिल हैं, खुलापन अधिक है  वहां वैश्यावृत्ति काफी है ..यथा बंगाल ,तामिलनाडू, महाराष्ट्र ....आंध्र, कर्नाटक --- अपेक्षाकृत आय व शिक्षा अच्छी होते हुए भी |

----अर्थात सामाजिक व नैतिक बंधनों की कमी व पहनावा, चाल-चलन, आदि खुलेपन का स्त्री-पुरुष सम्बन्ध से सम्बंधित सामाजिक समस्याओं से सीधा सम्बन्ध है |