हिन्दुस्तान समाचार पत्रमैं कोई ने जगजीत सिंह उपरोक्त विषय पर कलम चलाई है। आपने -नानक, अबू बकर, मोहम्मद साहिब ,पर्शिया के मिर्जा हुसैन , बौद्ध मत, , बहाई धर्म, महावीर सभी का जिक्र किया है । हमें इन महापुरुषों के जिक्र व उनकी शिक्षाओं से कोई शिकवा नहीं --परन्तु , मिस्टर सिंह जी ! क्या आपको विश्व इतिहास के सबसे प्राचीन ,अमिट , महानतम , सर्व श्रेष्ठ -धर्म ,मत या विचार ,कोई जो कुछ भी समझे अपने -अपने ज्ञान -अनुभव ,श्रृद्धा,विश्वास के अनुसार --हिन्दू -सनातन धर्म का कोई ज्ञान नहीं ,या वह वर्णन योग्य नहीं , या जानबूझ कर ------
"तेरी रहमत का भी यारब कोई जवाब नहीं ।
कौन कहता है कि मौला तू लाजवाब नहीं ॥ "
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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...
- shyam gupta
- Lucknow, UP, India
- एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त
मंगलवार, 21 अप्रैल 2009
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