--आज जहां अधिकाँश चिकित्सक , चिकित्सा अफसर , चिकित्सा -अध्यापक - इस प्रकार के गैर चिकित्सकीय , स्वयं के लिए नॉन-प्रोडक्टिव कार्यों से बच कर अपनी प्राइवेट -प्रेक्टिस में अधिक रूचि रखने में रूचि रखते हैं ; वहीं चिकित्सा महाविद्यालय की वर्त्तमान कुलपति की प्रशंसा करनी होगी कि वे लगातार आकस्मिक निरीक्षण करके कुछ उचित दिशा दे रही है। टाइल्स उखाड़ने वाले जैसे कार्य की जांच का कार्य उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता व अन्य चिकित्सकों के लिए दिशा देने जैसा कार्य है, वे बधाई की पात्र हैं।अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर ख्याति प्राप्त जनरल सर्जन व बाल रोग सर्जन कुलपति डा सरोज चूडामणि - भारत की प्रथम महिला जनरल सर्जन व प्रथम महिला बाल-रोग सर्जन है। वे कुलपति के गुरु-गंभीर दायित्व के साथ साथ अपना चिकित्सक व अधिकारी का दायित्व कुशलता से निभाना जानती हैं , जो उनके समय समय पर किये गए कार्यों से परिलक्षित होता रहता है। मैंने उन्हें अपने चिकित्सा -विद्यालय - एस.एन. मेडीकल कालेज आगरा के सीनियर के रूप में ,कालेज दिनों से ही देखा है कि वे सदैव ही धुन की पक्की , कठोर परिश्रमी प्रतिभाशाली क्षात्र, सहृदय व्यक्तित्व , कुशल व सक्षम चिकित्सक एवं अनुशासक अधिकारी रही है। ऐसी नारी शक्ति को सलाम।