
तो फिर क्या याद करना क्या भूलना।
----माँ के बहाने पूरी दुनिया को जीतने का अहं -प्रचार , मौत से हारने जैसी सुनुश्चित बात का क्या कहना क्या प्रचार, बस कुछ कहना है चाहे कोइ अर्थ निकले या न निकले ?------->
----मेरे विचारों की दुनियां -मेरे अपने विचार एवं उन पर मेरा स्वयं का व्याख्या-तत्व तथा उनका समयानुसार महत्व .... --My myriad thoughts, their personal interpretations and their relevance...http://shyamthot.blogspot.com