....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
1.सिन्धु-सरस्वती घाटी की हड़प्पा एवं मोहनजोदोड़ो सभ्यता (5000-3500 ईसा पूर्व) : हिमालय से निकलकर सिन्धु नदी अरब के समुद्र में गिर जाती है। प्राचीनकाल में इस नदी के आसपास फैली सभ्यता को ही सिन्धु घाटी की सभ्यता कहते हैं। इस नदी के किनारे के दो स्थानों हड़प्पा और मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान) में की गई खुदाई में सबसे प्राचीन और पूरी तरह विकसित नगर और सभ्यता के अवशेष मिले। इसके बाद चन्हूदड़ों, लोथल, रोपड़, कालीबंगा (राजस्थान), सूरकोटदा, आलमगीरपुर (मेरठ), बणावली (हरियाणा), धौलावीरा (गुजरात), अलीमुराद (सिंध प्रांत), कच्छ (गुजरात), रंगपुर (गुजरात), मकरान तट (बलूचिस्तान), गुमला (अफगान-पाक सीमा) आदि जगहों पर खुदाई करके प्राचीनकालीन कई अवशेष इकट्ठे
हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो में मातृदेवी या प्रकृति देवी आदि देवियों की असंख्य मूर्तियां प्राप्त हुई हैं। प्राचीनकाल से ही मातृ या प्रकृति की पूजा भारतीय करते रहे हैं और आधुनिक काल में भी कर रहे हैं। इससे ज्ञात होता है कि हिन्दू धर्म मानव के प्राचीनतम काल से है | सिन्धु घाटी की सभ्यता को दुनिया की सबसे रहस्यमयी सभ्यता माना जाता है| इसके पतन के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।
---हड़प्पा से कई ऐसी ही चीजें मिली हैं, जिन्हें हिन्दू धर्म से जोड़ा जा सकता है। पुरोहित की एक मूर्ति, बैल, नंदी, मातृदेवी, बैलगाड़ी और शिवलिंग जो लगभग 5000 पुराना है। शिवजी को पशुपतिनाथ भी
पशुपतिनाथ की योगस्थ मुद्रा की सील भी प्राप्त हुई हैं |
२.बाली का प्राचीन मंदिर
और लंका : इंडोनेशिया कभी हिन्दू राष्ट्र हुआ
करता था, लेकिन इस्लामिक उत्थान के बाद यह राष्ट्र आज
मुस्लिम राष्ट्र है। जहां आज इंडोनेशियन इस्लामिक यूनिवर्सिटी है वहां कभी
हिन्दू मंदिर हुआ करता था, जिसमें शिव और गणेश की पूजा
की जाती थी। यहां से एक ऐतिहासिक शिवलिंग भी मिला है।
-----ईसाई धर्म यानि ‘क्रिश्चैनिटी’ को भी सनातन धर्म की ‘कृष्ण नीति’ और अब्राहम को ‘ब्रह्मा’ से ही लिया गया है। पी.एन.ओक का कहना है कि इस्लाम और ईसाई, दोनों ही धर्म वैदिक मान्यताओं के विरुपण से जन्में हैं।
-----बेबीलोन की प्राचीन गुफाओं में पुरातात्त्विक खोज में जो भित्ति चित्र मिले है, उनमें विष्णु को हिरण्यकशिपु के भाई हिरण्याक्ष से युद्ध करते हुए उत्कीर्ण किया गया है।
४.कंबोडिया का हिन्दू सम्राज्य : विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर तथा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक कंबोडिया में स्थित है। यह कंबोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53ई.) के शासनकाल में हुआ था। यह विष्णु मन्दिर है जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकों ने प्रायः शिवमंदिरों का निर्माण किया था। कंबोडिया में बड़ी संख्या में हिन्दू और बौद्ध मंदिर हैं | पौराणिक काल का कंबोजदेश कल का कंपूचिया और आज का कंबोडिया। अंगकोर वाट की बात ही निराली है। ये दुनिया का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर है।
-----क्रमश --भाग तीन
हिन्दू इतिहास
----एक लाख वर्षों का हिन्दू धर्म का संक्षिप्त इतिहास ---- क्रमश ----भाग दो----सरस्वती घाटी, हरप्पा, इंडोनेशिया, बाली, बेटिकन सिटी ------
1.सिन्धु-सरस्वती घाटी की हड़प्पा एवं मोहनजोदोड़ो सभ्यता (5000-3500 ईसा पूर्व) : हिमालय से निकलकर सिन्धु नदी अरब के समुद्र में गिर जाती है। प्राचीनकाल में इस नदी के आसपास फैली सभ्यता को ही सिन्धु घाटी की सभ्यता कहते हैं। इस नदी के किनारे के दो स्थानों हड़प्पा और मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान) में की गई खुदाई में सबसे प्राचीन और पूरी तरह विकसित नगर और सभ्यता के अवशेष मिले। इसके बाद चन्हूदड़ों, लोथल, रोपड़, कालीबंगा (राजस्थान), सूरकोटदा, आलमगीरपुर (मेरठ), बणावली (हरियाणा), धौलावीरा (गुजरात), अलीमुराद (सिंध प्रांत), कच्छ (गुजरात), रंगपुर (गुजरात), मकरान तट (बलूचिस्तान), गुमला (अफगान-पाक सीमा) आदि जगहों पर खुदाई करके प्राचीनकालीन कई अवशेष इकट्ठे
किए गए।
अब इसे सैंधव अथवा सरस्वती सभ्यता कहा जाता है।
हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो में मातृदेवी या प्रकृति देवी आदि देवियों की असंख्य मूर्तियां प्राप्त हुई हैं। प्राचीनकाल से ही मातृ या प्रकृति की पूजा भारतीय करते रहे हैं और आधुनिक काल में भी कर रहे हैं। इससे ज्ञात होता है कि हिन्दू धर्म मानव के प्राचीनतम काल से है | सिन्धु घाटी की सभ्यता को दुनिया की सबसे रहस्यमयी सभ्यता माना जाता है| इसके पतन के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।
---हड़प्पा से कई ऐसी ही चीजें मिली हैं, जिन्हें हिन्दू धर्म से जोड़ा जा सकता है। पुरोहित की एक मूर्ति, बैल, नंदी, मातृदेवी, बैलगाड़ी और शिवलिंग जो लगभग 5000 पुराना है। शिवजी को पशुपतिनाथ भी
पशुपतिनाथ की योगस्थ मुद्रा की सील भी प्राप्त हुई हैं |
बाली
द्वीप पर हिन्दुओं के कई प्राचीन मंदिर हैं,
जहां एक गुफा मंदिर भी है। इस गुफा मंदिर को गोवा गजह गुफा और एलीफेंटा की गुफा
कहा जाता है। इसे विश्व धरोहरों में शामिल किया गया। यहां 3 शिवलिंग
बने हैं।
--- आज के युग अनुसार रावण का राज्य विस्तार, इंडोनेशिया, मलेशिया, बर्मा, दक्षिण भारत के कुछ राज्य और संपूर्ण
श्रीलंका पर रावण का राज था।
३.वेटिकन शहर का शिवलिंग
: वेटिकन वाटिका का बिगड़ा रूप है।
वैदिक काल में यह स्थान भी हिन्दू धर्म का केंद्र था। यहां पुरातात्विक
खुदाई के दौरान शिवलिंग प्राप्त हुआ है जो रोम के ग्रेगोरियन इट्रस्केन
संग्रहालय
(Gregorian Etruscan Museum) में रखा
गया है।
-----ईसाई धर्म यानि ‘क्रिश्चैनिटी’ को भी सनातन धर्म की ‘कृष्ण नीति’ और अब्राहम को ‘ब्रह्मा’ से ही लिया गया है। पी.एन.ओक का कहना है कि इस्लाम और ईसाई, दोनों ही धर्म वैदिक मान्यताओं के विरुपण से जन्में हैं।
-----बेबीलोन की प्राचीन गुफाओं में पुरातात्त्विक खोज में जो भित्ति चित्र मिले है, उनमें विष्णु को हिरण्यकशिपु के भाई हिरण्याक्ष से युद्ध करते हुए उत्कीर्ण किया गया है।
४.कंबोडिया का हिन्दू सम्राज्य : विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर तथा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक कंबोडिया में स्थित है। यह कंबोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53ई.) के शासनकाल में हुआ था। यह विष्णु मन्दिर है जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकों ने प्रायः शिवमंदिरों का निर्माण किया था। कंबोडिया में बड़ी संख्या में हिन्दू और बौद्ध मंदिर हैं | पौराणिक काल का कंबोजदेश कल का कंपूचिया और आज का कंबोडिया। अंगकोर वाट की बात ही निराली है। ये दुनिया का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर है।
-----क्रमश --भाग तीन