....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
परमार्थ की , देश- समाज की, जन जन की सदेक्षा हित किया हुआ कोइ भी कर्म चाहे व सफल हो या असफल या दमन किया गया हो ..कभी व्यर्थ नहीं जाता.....बाबा राम देव के सत्याग्रह व अनशन के फलितार्थ इस प्रकार हैं.....
१-सरकार की मंशा कि वह भ्रष्टाचार मिटाने के प्रति कितनी सजग है इसका ज्ञान जग-जाहिर होजाना
२-वर्त्तमान सरकार व उसके कर्ता-धर्ताओं का मूल चरित्र प्रकाश में आजाना....
३- लोकतंत्र की जड़ें सरकार व जनता में देश में कितनी गहरी व वास्तविक हैं इसका ज्ञान...
४-कांग्रेस पार्टी आलाकमान का चरित्र स्पष्ट होना.....एक पत्रकार की ह्त्या पर तुरंत टिप्पणी ..पर ...विश्व के गंभीरतम मुद्दे भ्रष्टाचार पर देश की जन-जन की प्रतिक्रया पर कोइ प्रतिक्रया नहीं ....
५-देश की जनता का जन जागरण ..जो अपार जन समूह के समर्थन से व्यक्त हुआ...
६-अन्ना व बावा रामदेव को एक मंच पर लाना व अन्ना हजारे व उनके सहयोगियों का सचेत होजाना कि उनके साथ भी कुछ भी होसकता है अतः सचेत होकर अपने कलापों की प्रोग्रामिंग करें |
७-बावा को सबक कि ...राजनीति में सिर्फ साधु स्वभाव से ...आसानी से....कार्य नहीं होता ..अपितु ....'.शठे शाठ्यं समाचरेत' .... आगे वे अपनी कार्य नीति उसी प्रकार बनाएँ ....
८-गृह मंत्री को भ्रष्टाचार पर शीघ्र ही घोषणा करने को मजबूर होना पड़ा ....जो काम अभी तक नहीं होपाया था....
९- हो सकता है बावा रामदेव या विरोधी राजनेताओं को फंसाने, नीचा दिखाने आदि के क्रम में विपक्षियों व सरकार द्वारा विभिन्न भ्रष्टाचार निरोधी अभियान चलाये जायं जो अंततः देश के हित में ही होंगे....
१०--दूरगामी फलितार्थ यह है कि जन जन..सभी ...योग.. योगी ( साथ में विदेश की नक़ल योगा भी ) ..साधू, सन्यासी, संन्यास ....आदिके अर्थ व उन पर विचार-विमर्श, जानकारी व ज्ञान के प्रति उत्कंठित व उत्साहित होंगे...... व देश, देशवासी , समाज, संस्कृति व विश्व ..लाभान्वित होंगे ....
१०--दूरगामी फलितार्थ यह है कि जन जन..सभी ...योग.. योगी ( साथ में विदेश की नक़ल योगा भी ) ..साधू, सन्यासी, संन्यास ....आदिके अर्थ व उन पर विचार-विमर्श, जानकारी व ज्ञान के प्रति उत्कंठित व उत्साहित होंगे...... व देश, देशवासी , समाज, संस्कृति व विश्व ..लाभान्वित होंगे ....