....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
ग़ज़ल...ये अच्छी बात नहीं ..
गैर के भूल की सज़ा तुझको मिले तो कोई बात नहीं |
भूल हो तेरी सज़ा और को हो ये अच्छी बात नहीं |
बात की बात है कि वो है या नहीं है वह ,
खुशी में भूल जाएँ खुदा को ये अच्छी बात नहीं |
मुल्क पे कुर्बान होंगे ही कलेजे वाले कोई बात नहीं ,
भूल जाए जो मुल्क शहीदों को ये अच्छी बात नहीं |
भूल हो गैर की या तेरी हो कोई बात नहीं ,
सबक भूल से न ले जो ये अच्छी बात नहीं |
क्या बुरा है,क्या है अच्छा 'श्याम क्या जाने,
याद जो न रखा जाए नेकी को ये अच्छी बात नहीं |