
वस्तुतः चिकित्सा आदि को शास्त्रों में गुप्त विद्याएं कहा गया है जिन का जिक्र व वर्णन सामान्य जन के लिए , इश्तिहारों में , सामान्य समाचारों , पत्र-पत्रिकाओं , विज्ञापनों में नहीं होना चाहिए , न सामान्य जनों द्वारा लिखा जाना चाहिए, जोकि आज हर पत्र -पत्रिका का सर्कुलेशन बढाने का ज़रिया बन गया है । इससे जन सामान्य में भ्रान्ति, भय,चिंता, (एप्रीहेंशन ) फैलता है और चिकित्सा व्यवसाय में भी दोहन प्रक्रिया का प्रारम्भ । यह सब विशेषग्य पत्रिकाओं में व विशेषज्ञों द्वारा ही लिखा जाना चाहिए, ताकि जन सामान्य को सिर्फ स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान रखने के लिए समझाया जाय ।
इसी तरह का एक और उदाहरण--- आजकल हर समाचार पत्र, पत्रिका, टी वी पर ज्योतिषियों के कथनों -भविष्य वाणियों ,ज्योतिष द्वारा विभिन्न उपाय-उपचारों की बाढ़ सी आगई है जो निश्चय ही बाज़ार, रेटिंग , कमाई, व सिर्कुलेशन के लिए है और जन सामान्य के अंध विश्वास, भ्रम, भय , चिंता के दोहन का साज है , यह सब बंद होना चाहिए ।