
छल ,कपट झूठ ,धोखा आदि से व्यक्ति कुछ व कुछ समय को,सामयिक लाभ भले ही प्राप्त करले,परन्तु वास्तविक सफलता तो सत्य ,सरल-ह्रदय व मनसा,वाचा,कर्मणा शुद्धता से ही मिलती है जो स्थाई व प्रसन्नता -दायक, शान्ति-दायक ,आत्म-तुष्टिकारक होती है| डाक्टर रवींद्र नागर का आलेख इसी मूलमंत्र -शुचिता-की सटीक,रुचिपूर्ण व सरल व्याख्या प्रस्तुत करताहै .पढें --->