....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
मोमबत्ती जलाने से क्या होगा ...
हर जगह मोमबत्ती लेकर पहुँच जाते
हैं ..गोया कि प्रकाश करके जता रहे हैं संसार को, अपने आप को कि हमको वहुत दुःख है बाकी सब भी दुखी हों .... .पर यह क्यों होता है,
क्या करें हमें पता ही नहीं है कोई तो हमारे साथ मोमबत्ती जलाए, हमें बताये कि हम
क्या करें .......
६१ बार होचुका अब तक, हम हर बार मोमबत्ती
जलाते हैं पर कुछ कर नहीं पाते हैं .... हाँ बच्चों को सांत्वना का नाटक करना
अवश्य सिखाते हैं ... फिर फिर वही बच्चे गोलीबारी करके हमारा दिल दुखाते हैं |
कुछ संस्कृति, सभ्यता, आचरण, अनुशासन, सात्विक ज्ञान की बातें स्वयं सीखें ..बच्चों को भी सिखायें ..... ज्ञान का प्रकाश करें ...मोमबत्तियां जलाने से क्या होगा ..???