....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
अखिल भारतीय अगीत परिषद् के संस्थापक , अगीत विधा के जनक डा रंगनाथ मिश्र 'सत्य' के जन्म दिवस पर प्रतिवर्ष एक मार्च पर मनाया जाने वाला "अखिल भारतीय साहित्यकार दिवस" -मंगलवार, दिनांक १ मार्च, २०११ को गान्धी- भवन लखनऊ में, अखिल भारतीय अगीत परिषद , लखनऊ, व डा रसाल स्मृति संस्थान द्वारा आयोजित समारोह में मनाया गया |
मंचस्थ पदासीन विद्वतजनों में श्री विनोद चंद पांडे 'विनोद' पूर्व अध्यक्ष हिन्दी संस्थान, डा श्रीमती सरला शुक्ल ,पूर्व बिभागाध्यक्ष , हिन्दी विभाग ल वि वि ; श्री रवि कान्त खरे ,बाबाजी अध्यक्ष अ भा वैचा क्रान्ति मंच; श्री गजाधर प्रसाद सिन्हा , श्री रामचंद्र शुक्ल, डा उषा गुप्ता, पूर्व हिन्दी प्रवक्ता लविवि व प्रवासी अमेरिकी साहित्यकार तथा विधायक श्री सुरेशचन्द्र श्रीवास्तव थे |
मंच संचालन डा रंग नाथ मिश्र ने व कुशल प्रवंध डा योगेश गुप्त ने किया| साहित्यकारों व कवियों, द्वारा सत्य जी को जन्म दिवस पर बधाई सन्देश व काव्यमयी शुभकामनाएं और भेंट दी गयीं |
<--वायें..डा सत्य को सम्मानित करते हुए विधायक श्री सुरेशचन्द्र श्रीवास्तव ....दायें ----> मंचस्थ विद्वान् साथ में खड़े हैं डा योगेश गुप्त व पार्थो सेन व श्री देवेश |
डा रसाल स्मृति संस्थान व अगीत परिषद् व विद्यावती गुप्ता ट्रस्ट द्वारा विभिन्न साहित्यकारों को पुरस्कार व सम्मान दिए गए | डा श्याम गुप्त द्वारा -'डा रंगनाथ मिश्र 'सत्य' एक प्रेरक व चुम्बकीय व्यक्तित्व ' पर आलेख प्रस्तुत किया गया |
साहित्यिक वार्ता का विषय -" साहित्यकारों के दायित्व "
पर डा ऊषा गुप्ता, डा उषा सिन्हा ,पूर्व विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग, ल वि वि , श्री रामचंद्र शुक्ल, डा रंग नाथ मिश्र, श्री राम चन्द्र शुक्ल पूर्व न्यायाधीश,श्री विनोद चन्द्र पांडे व डा श्याम गुप्त, श्री ओम प्रकाश गुप्त मधुर ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये | डा सत्य की अध्यक्षता में काव्य-गोष्ठी का भी आयोजन किया गया |
डा श्याम गुप्त को सम्मानित करते हुए पूर्व न्यायाधीश साहित्यकार डा राम चन्द्र शुक्ल, डा रंगनाथ मिश्र सत्य व पार्थोसेन व नीचे दायें अगीत कवियत्री श्रीमती सुषमा गुप्ता को सम्मान पत्र देते हुए विधायक श्री सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव व डा रंगनाथ मिश्र सत्य ...