. ...कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
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सारे भारत में हर जगह, हर बार ...वही तरीका , ट्रेंड—पत्थरबाजी, वही क्रमिकता, वही विचार, षड्यंत्र व आपराधिक कार्यवाही, मस्जिदों में छुपना, नियम कायदे भंग करना | पत्थरबाजी, षडयंत्र
--------वही एक तबका एवं उसके समर्थक देश विरोधी तत्व, आतंकवादी तत्व, हिंदुत्व विरोधी तत्व –चाहे वे जमाती रूप में हों या वायरस फ़ैलाने वाली सेना के रूप में, दंगे बाजों के रूप में, भीड़ के रूप में, बागों में गलियों में...सडकों पर, प्रारम्भ से लेकर आज तक प्रकाश में आते हैं व आरहे हैं वही | वही कश्मीर वाली प्रक्रियाएं ....क्यों | सीमा पार से समर्थित, देश के गद्दार --क्यों?
--------क्योंकि ..वे लेना चाहते हैं धारा ३७० हटाने का बदला, कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के स्वप्न-भंग का बदला ....भारत के इस्लामीकरण के स्वप्न-भंग की आशंका का बदला | मोदी से बदला , बीजेपी से बदला | बहुमत से चुनी हुई सरकार से बदला, अपनी हार का बदला | पर समझलें कि --
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
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डा श्याम गुप्त --१९६२---सेंट जोन्स इंटर कालिज आगरा
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