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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

वही तरीका , ट्रेंड—पत्थरबाजी, वही क्रमिकता, वही विचार, षड्यंत्र ---डा श्याम गुप्त

.                                   ...कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ... 

सारे भारत में हर जगह, हर बार ...वही तरीका , ट्रेंड—पत्थरबाजी, वही क्रमिकता, वही विचार, षड्यंत्र व आपराधिक कार्यवाही, मस्जिदों में छुपना, नियम कायदे भंग करना | पत्थरबाजी, षडयंत्र

--------वही एक तबका एवं उसके समर्थक देश विरोधी तत्व, आतंकवादी तत्व, हिंदुत्व विरोधी तत्व –चाहे वे जमाती रूप में हों या वायरस फ़ैलाने वाली सेना के रूप में, दंगे बाजों के रूप में, भीड़ के रूप में, बागों में गलियों में...सडकों पर, प्रारम्भ से लेकर आज तक प्रकाश में आते हैं व आरहे हैं वही | वही कश्मीर वाली प्रक्रियाएं ....क्यों | सीमा पार से समर्थित, देश के गद्दार --क्यों?

--------क्योंकि ..वे लेना चाहते हैं धारा ३७० हटाने का बदला, कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के स्वप्न-भंग का बदला ....भारत के इस्लामीकरण के स्वप्न-भंग की आशंका का बदला | मोदी से बदला , बीजेपी से बदला | बहुमत से चुनी हुई सरकार से बदला, अपनी हार का बदला | पर समझलें कि --
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
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डा श्याम गुप्त --१९६२---सेंट जोन्स इंटर कालिज आगरा
Seema Gupta, Prem Prakash Gupta and 1 other
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