....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ..
सच का सामना ---वाह ! वाह ! क्या बात है जी ..... क्या अखबार, समाचार, फोटो, बकवास किताबें बेचने का अच्छा नया नुस्खा है ....
पहले तो अनाचर, दुराचार,अतिचार, भ्रष्टाचार, बलात्कार , असत्य वादन ...सब करो ...मजे लूटो ...चुप रहो .....जब बात खुले, खुलने लगे, खुलती लगे तो सच का सामना करो ...... चटपटी ख़बरें - चित्र बेचने के लिए....पुस्तकें प्रकाशित करके बेचने के लिए ....मीडिया व मूर्ख जनता में हीरो बनने के लिए | चोरी पकड़ी जाय तो मैं तो बताने वाला ही था ...ढीठ बालमन, बालपन के झूठ की भांति |
सच क्या है ...सच का सामना क्या व क्यों ? ये क्या होता है ? ...सच पर तो चलना होता है | जो अमूल्य ..जीवन तथ्य है, जीवन का व्यवहार है उस पर चलना, उसके अनुसार आचरण करना, सत्याचरण ...सत्य है...... न कि सामना करना.... यदि सत्य पर चलेंगे तो झूठ के खुलासा व सत्य का सामना करने की नौबत ही नहीं आयेगी, न आनी चाहिए ....क्यों आनी चाहिए ? |
सत्य तो वह होता है जो कृष्ण के निभाया ....जो राम का आचरण है | सीना ठोक कर रास-रचाना, सीना ठोक कर छोडना, सीना ठोक कर जग जाहिर १६ रानियाँ |.... सीना ठोक कर सीता की अग्नि परिक्षा, सीना ठोकर त्याग ...... न झूठ, न कदाचरण ....न भेद खुलने का डर , न सच का सामना |
क्या इस झूठ के खुलासा, सच का सामना से समाज को कोई हित होने वाला है ....चटखारे लेने वालों व किताबें , अखबार बेचने वालो व स्वयं सामना करने वालों का अपना स्वार्थ ही सधता है |---बाजारू स्वार्थ .....
सच का सामना ---वाह ! वाह ! क्या बात है जी ..... क्या अखबार, समाचार, फोटो, बकवास किताबें बेचने का अच्छा नया नुस्खा है ....
पहले तो अनाचर, दुराचार,अतिचार, भ्रष्टाचार, बलात्कार , असत्य वादन ...सब करो ...मजे लूटो ...चुप रहो .....जब बात खुले, खुलने लगे, खुलती लगे तो सच का सामना करो ...... चटपटी ख़बरें - चित्र बेचने के लिए....पुस्तकें प्रकाशित करके बेचने के लिए ....मीडिया व मूर्ख जनता में हीरो बनने के लिए | चोरी पकड़ी जाय तो मैं तो बताने वाला ही था ...ढीठ बालमन, बालपन के झूठ की भांति |
सच क्या है ...सच का सामना क्या व क्यों ? ये क्या होता है ? ...सच पर तो चलना होता है | जो अमूल्य ..जीवन तथ्य है, जीवन का व्यवहार है उस पर चलना, उसके अनुसार आचरण करना, सत्याचरण ...सत्य है...... न कि सामना करना.... यदि सत्य पर चलेंगे तो झूठ के खुलासा व सत्य का सामना करने की नौबत ही नहीं आयेगी, न आनी चाहिए ....क्यों आनी चाहिए ? |
सत्य तो वह होता है जो कृष्ण के निभाया ....जो राम का आचरण है | सीना ठोक कर रास-रचाना, सीना ठोक कर छोडना, सीना ठोक कर जग जाहिर १६ रानियाँ |.... सीना ठोक कर सीता की अग्नि परिक्षा, सीना ठोकर त्याग ...... न झूठ, न कदाचरण ....न भेद खुलने का डर , न सच का सामना |
क्या इस झूठ के खुलासा, सच का सामना से समाज को कोई हित होने वाला है ....चटखारे लेने वालों व किताबें , अखबार बेचने वालो व स्वयं सामना करने वालों का अपना स्वार्थ ही सधता है |---बाजारू स्वार्थ .....