पूरी् मगर हर ख्वाहिश सदा नहीं होती।
जिसके हकदार हो वो तुझे मिलेगा जरूर ,
न समझ ख्वाहिशें हकीकत ज़दा नहीं होतीं।
काबिलियत व कोशि्शें ही तय करतीं हें हक,
असफ़लता की वज़ह किस्मत सदा नहीं होती ।
हर बात की कोई वज़ह हो ती है ज़रूर ,
किस्मत के् दोष की बात बज़ा नहीं होती।
सही दिशा में सही को्शिशें करें यदि श्याम,
कोई वज़ह नहीं कोशिश सफ़ल नहीं होती ॥