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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

रविवार, 16 फ़रवरी 2020

हिन्दू इतिहास ----एक लाख वर्षों का हिन्दू धर्म का संक्षिप्त इतिहास --भाग पांच --अंतिम ---डा श्याम गुप्त

                               ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ..

हिन्दू इतिहास  ----एक लाख वर्षों का हिन्दू धर्म का संक्षिप्त इतिहास ---अंतिम भाग --डा श्याम गुप्त
 भाग पञ्च---विश्व की ऐसी ही जगहों  का  सचित्र वर्णन  जहां कभी हिन्दू धर्म अपने चरम पर हुआ करता था।----
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१२.योरोप----समस्त योरप जम्बू द्वीप का ही भाग था -----

-----रोसेलीन चर्च -स्कोटलेंड में मक्का की पत्थर पर चित्र , भारतीय मक्का जो भारत से अन्यथा  दुनिया भर में कहीं नहीं होती थी १४४० एडी ----


  





















--- रोमन देवता-नेपच्यून की शिव से समानता----हाथ में त्रिशूल शिव का मूल स्वरुप है |
उसके खड़े होने की स्थिति, माया से अप्रभावित शिव की स्थित-‘से मेल खाती है |

   
  चित्र १.वार्सीलोना..२.नेपच्यून का फुहारा -न्यूरेमबर्ग जर्मनी में ३.नेपच्यून (शिव) –पोलेंड
४.ग्रीक देवता पोसीडोंन (शिव)
 
  रोम - एमफीट्राईट- –पार्वती-शिव

        -----यह चित्र ग्रीस देश के कारिंथ नगर के संग्रहालय में प्रदर्शित है, यह भव्य भित्तिचित्र ..प्राचीन काल से ही कारिंथ कृष्ण-भक्ति का केंद्र रहा है---
----- ये राम-सीता और लक्षमण के चित्र हैं जो इटली से मिले हैं.इसमें इन्हें वन जाते हुए दिखाया जा रहा है.सीता माँ के हाथ में शायद तुलसी का पौधा है क्योंकि हिंदु इस पौधे को अपने घर में लगाना बहुत ही शुभ मानते हैं..... 



-------सात सिरों वाली देवी –मनसा देवी ---नागों की माता , वासुकी की बहन – १.भारत ---२.मेक्सिको ४. मनसा देवी - गर्भस्थ शिशु की रक्षक  की देवी भारत ..३.रूस में --- --https://cogniarchae.wordpress.com/20...headed-figure/

        मिस्र व जर्मनी में नरसिंह ---
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लोकार्पण समारोह---अमृत कलश ---डा श्याम गुप्त

                           ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

            अखिल भारतीय अगीत परिषद् एवं नव सृजन सांस्कृतिक संस्था लखनऊ द्वारा प्रकाशित   डा श्याम गुप्त    अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' एवं डा श्याम गुप्त की तीन कृतियों --तुम तुम और तुम --प्रेम  व श्रृंगार गीत संग्रह ...पीर ज़माने की ---ग़ज़ल संग्रह एवं ईशोपनिषद का काव्य भावानुवाद ,....का  
---------लोकार्पण समारोह दिनांक २२ फरवरी २०२० शनिवार को यू पी प्रेस क्लब हज़रत गंज लखनऊ में सायं ४ बजे | सभी आमंत्रित हैं......