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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

गुरुवार, 17 जनवरी 2013

श्री लंका यात्रा-वृत्त ---भाग दो--- ---कोलम्बो ..

                          ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...


                                      हम  पांच लोग.... मैं ( डा श्याम गुप्त ) पत्नी सुषमा जी, पुत्र निर्विकार, पुत्रवधू रीना एवं पौत्र आराध्य २२-१२-१२ को श्री लंका के भण्डारनायके एयरपोर्ट पर दोपहर पहुंचे | अगले एक सप्ताह तक ..ड्राइवर एवं गाइड का किरदार निभाने हेतु  श्री हरेंदु मेंडिस अपनी १० सीट के वाहन सहित वहां उपस्थित थे |हम लोग सीधे कोलम्बो के  स्थानीय दर्शन हेतु निकल पड़े |
                        कोलम्बो श्री लंका का सबसे बड़ा नगर है, सबसे उन्नत एवं संमृद्ध | बड़ी बड़ी बिल्डिंगें , चौड़ी-चौड़ी सड़कें , शानदार माल्स , कठोर ट्रेफिक नियम , स्पष्ट ट्रेफिक-चिन्ह आदि से योरोप के किसी आधुनिक नगर जैसा | सभी  ऑटो  एवं अन्य  वाहन नए-नए ही थे | श्री हरेंदु ने बताया कि यहाँ १५ वर्ष  बाद सभी वाहन कठोरता से कंडम कर दिए जाते हैं | यह श्री लंका की पूर्व राजधानी है ..ब्रिटिश काल की, देश का आर्थिक गढ़ भी |
आराध्य एक बड़े माल में -कोलम्बो

वहां  चिन्ह-पटों पर ...अंग्रेज़ी, तमिल व सिंहली ...त्रिभाषा प्रयोग होती है | करेंसी डालर या श्रीलंकन रु. में प्रयोग होती है | भारतीय १ रु. लगभग २( से अधिक ) लंकन  रु के समकक्ष है |
१.फादर ऑफ़ नेशन --राष्ट्रपिता --श्री स्टीफन सेनानायके  की मूर्ति ..जिनके समय श्री लंका को आज़ादी प्राप्त हुई ४ फरवरी १९४८ में  ...पुराने सिन्हलीज राजभवन  में जहां गणतंत्र -दिवस पर झंडा रोहण व परेड आदि होती है  मनाया जाता है |
राष्ट्र-पिता स्मारक पर निर्विकार व रीना
 
सिहली सभा-भवन पर -साथ में  सुषमा जी व श्री हरेंदु मेंडिस 
२.किंग पराक्रम बाहू द्ववारा निर्मित गंगा रमैया बुद्ध -थाई  मंदिर ...
कोलम्बो बौद्ध मंदिर


आठ लेन  की शानदार रोड -कोलम्बो

माल मेंबच्चों का  प्ले-स्टेशन पर आराध्य

माल में खरीदारी करते हुए निर्विकार
श्री लंका के वर्तमान पार्लियामेंट भवन -कोट्टे
३.कोलम्बो सी-बीच एवं कोलम्बो आर्थिक-काम्प्लेक्स ...बीच काफी सुन्दर व साफ़-सुथरी थी | मरीना-बीच व जुहू की भाँति शाम को लोग समुद्र का आनंद उठाते हैं .....हाँ बीच एक दम स्वच्छ  व साफ़ है भीड़ भी बोम्बे की अपेक्षा बहुत कम | समीप ही स्थित ट्विन टावर सहित इतना सुन्दर व बड़ा आर्थिक -काम्प्लेक्स देखकर क्रीडेंस इन्वेस्टमेंट एंड मेनेजमेंट  कंपनी, बेंगलोर  की फायनेंस कंसल्टेंट   व सिटी बैंक बेंगलोर  की पूर्व  वेल्थ  मेनेजर रीना जी  बड़ी खुश हुईं और जोश में  फिलिप्स में सीनियर मेनेजर इंजीनियर निर्विकार जी को एवं फाइनेंस में कभी अधिक सर न  खपाने वाले  मुझे (डा. श्याम गुप्त )   फायनेंस मनेजेमेंट पर एक  छोटा सा वक्तव्य दे डाला |  वरिष्ठ होम-फायनेंस मेनेजर सुषमा जी  चुपचाप मुस्कुराती रहीं |
कोलम्बो समुद्र-तट पर निर्विकार, रीना, सुषमाजी एवं आराध्य

कोलम्बो कोमर्शियल काम्प्लेक्स  व ट्विन टावर
 कोलम्बो सी-बीच पर खेलते हुए रीनाजी व आराध्य






---------- क्रमशः- भाग तीन ..रावण की राजधानी अनुराधापुर ..






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