चित्र-१. |
हम क्या आशा करें ..एसे स्वामियों को जो यह कहते हुए भी कि यह राजनैतिक कार्यक्रम नहीं है...अपने वक्तव्य में उल-जुलूल राज़नैतिक बातों को कहते हैं ...देखें समाचार-चित्र-१....
---क्या स्वामीजी के अनुसार ..रामराज्य ..कल्याण राज्य नहीं था..... राम राज्य का तो उदाहरण इसीलिये दिया-लिया जाता है कि वह कल्याणकारी राज्य का अनुपमतम उदाहरण है.....
----जाति, धर्म और शराव बेचने वाली राजनेति समाप्त होनी चाहिए ....अर्थात उनके अनुसार धर्म का दर्ज़ा ..जाति व शराव के समकक्ष है ......क्या स्वामीजी धर्म व कल्याण का अर्थ भी जानते हैं .....??
2 टिप्पणियां:
भारत इक कल्याणकारी राज्य है जहां राज्य सहायता एवं खैरात का बोलबाला है .राजनीतिक इंतज़ार करतें हैं पक्ष विपक्ष के कहीं दुर्घटना हो और हम खैरात लिए पहुंचे ,बेड़ा पार करें जनता हज कराके .राम राज्य में तो प्रजा ही सर्वोपरि थी धोबिन के वक्तव्य भी मान्य थे ,मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा भंग न हो इसीलिए एतराज़ उठने पे सीता जी स्वयं ही भू -स्थ .हो गईं थीं .
बढ़िया पोस्ट .धर्म की अफीम कॉफ़ी खा चुकी है दुनिया .
धन्यवाद शर्मा जी....सही कहा ...
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