....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
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टिस्सा वेवा रिजोर्ट अनुराधापुर |
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रास्ते में आम की दुकान |
२३-१२-१२ को अनुराधापुरा के
टिस्सा वेवा रेज़ोर्ट में रात्रि-विश्राम के उपरांत
२४-१२-१२ प्रातः हम लोग
सिगीरिया लायंस रोक-फोर्ट के लिए चल दिए | मरान्द्कवल, केकीरावा, दम्बूला होते हुए दोपहर में सिगीरिया विलेज पहुंचे| सिगीरिया...
राजा कसापा ( कश्यप) ने ४७३एडी अपने पिता व भाई से बगावत करके राज्य हथियाकर अनुराधापुर की बजाय अपनी राजधानी बनाया था| जहां से वह
अलक मंडवा ( अलकापुरी) के कुबेर की भांति राज्य किया करता था| तत्पश्चात उसके भई व
सिंहासन के असली हकदार राजकुमार 'मिगलेन' जो भारत भाग गया था भारतीय सहायता से कसापा को हराकर पुनः अनुराधापुर को राजधानी बनाया| सिगीरिया फोर्ट लगभग
५००मीटर ऊंची चट्टान पर बसा हुआ पूरा नगर है | जिसमें
जल -संग्रहण कुण्ड एवं हाइड्रोलिक सिस्टम से फब्बारे ,
एशिया के सबसे प्राचीन टेरेस-गार्डंस , अजन्ता की तरह शानदार
क्लासिकल दीवार-पेंटिंग्स जो सभी महिलाओं की थीं एवं ५०० की संख्या में थी |ये एशिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित पेंटिंग हैं| २०० मीटर की ऊंचाई पर
"मिरर वाल" है जो पोर्सिलेन की भांति पोलिश से चमकाई जाती थे ताकि राजा अपना रूप देख सके|
यद्यपि मेरे विचार से इतने लम्बी दीवार जो कोनकेव का कॉन्वेक्स व अंग्रेज़ी के S के आकार की है शत्रु को दूर से ही देखने के कार्य आती होगी और इसके पीछे रहकर ऊंचाई से शत्रु की गतिविधि पर नज़र राखी जाती होगी | सिंह रोक फोर्ट ऊपर जाने का रास्ता सीढ़ियों द्वारा है जो सिंह के पैरों से मूर्ति -मुख तक होकर ऊपर जाता था | बाद में सिंह का मुख गिरा दिया गया( शायद युद्ध में ) सिर्फ पैर ही शेष हैं| समीप ही
पांच सेंचुरी बीसी के पुराने प्री-हिस्टोरिक रौक गुफाएं हैं जिनमें
ब्राह्मी लिपि से लिखावट मिलती है|
राजा का सिंहासन, एवं अन्य
रोक-गुफायें भी मिलते हैं|
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सिगीरिया रोक फोर्ट व् मिरर वाल से नीचे का दृश्य |
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२०० मीटर ऊंचाई पर गुफा में भित्ति-चित्र |
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मिरर वाल |
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टेरेस गार्डंस |
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रोक फोर्ट के महल के अवशेष पर रीना-निर्विकार |
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फोर्ट पर नगर के अवशेष |
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फोर्ट के मध्य में रोक-गुफा |
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राजा कसापा का सिंहासन |
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लायंस पैर द्वार के मध्य सीढियां पर निर्विकार
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अन्य जनश्रुतियों के अनुसार वस्तुतः
सिगीरिया का वास्तविक नाम 'वेस्सागिरिया है', यह ऋषि पुलस्त्य के पुत्र, रावण-कुबेर के पिता विश्रवा मुनि की राजधानी थी, जो एक महान शासक के साथ-साथ महान वैज्ञानिक, जेनेटिक- इंजीनियर , वेदों के ज्ञाता,ज्योतिषज्ञ,योद्धा व विचारक थे | इन्हें
विश्वत मुनि, वेस्सा मुनि,
वासा मुनि, विश्रवस आदि के नाम से भी जाना जाता था
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सिगीरिया रिजोर्ट में क्रिसमस |
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सिगीरिया रिसोर्ट में सुषमा जी |
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सिगीरिया डीप-फारेस्ट रिजोर्ट .... |
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रीना एवं आरू इन रूम |
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सुषमा जी वरांडे में आराम फरमाते हुए |
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आराध्य मेकिंग फ्रेंड |
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क्रमश ---भाग पांच-- पोलोनरूवा .....
2 टिप्पणियां:
बहुत रोचक यात्रावृत्तान्त..
धन्यवाद पांडे जी ....
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