१.अगीत छंद- ५ से आठ पक्तियां ,अतुकांत ,मात्रा बंधन नहीं ,लय बंधन नहीं ,-उदहारण --
मनुष्य व पशु मैं है यही अन्तर ,
पशु नहीं कर पाता
छल -छंद और जंतर -मंतर।
शेतान ने पशु को ,मायासंसार नहीं दिखाया था,
ज्ञान का फल तो ,
सिर्फ़ आदम ने ही खाया था।
----जारी अगीतजारी से आगे ।
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