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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

दीपावली , विज्ञान व वैज्ञानिकता ---

विज्ञान, अर्थशास्त्र,सामाजिकता, मानवता,सत्व-आचरण व्यवहार का समन्वय है , दीपावली का पर्व |
घरों की सफाई,घूरा-पूज़न,कूड़ा- करकट जलाना, धन्वन्तरी पूजन , यम् पूजन आदि स्वास्थ्य-शुचिता , रोगों की रोकथाम , सामाजिक व रोकथाम चिकित्सा केवैज्ञानिक तथ्य हैं |
धनतेरस पर स्वर्ण आदि खरीदना -बचत का प्रावधान , एक आर्थिक सुरक्षा दृष्टि है |दीपदान,भैया दूज ,उत्सव मनाना ,मेले , नरक चतुर्दसी , दानवीर बलि- वामन सन्दर्भ आदि सामाजिकता,मानवता, आचरण -शास्त्र एवं सिर्फ़ स्वयं के बजाय परार्थ भाव व कर्म के प्रेरक हैं |
आख़िर वैज्ञानिकता व विज्ञान है क्या ? कुछ लोग समझते हैं कि नयी-नयी खोजें, उनका वर्णन ,खोजी लोगों के जीवन व जन्म दिन का वर्णन ही वैज्ञानिकता व विज्ञान है |नहीं , यह सिर्फ़ भौतिक उन्नति के पायदान हैं | वैज्ञानिकता का अर्थ है , वह उच्च वैचारिक धरातल जहाँ समता ,समानता , नैतिक आचरण मानव के दैनिक स्वाभाविक व्यवहार हो जायं |विज्ञान का अर्थ है , वे कृतित्व , विचार,कर्म व आचरण जो मानव को उस उच्च धरातल पर लेजाने को प्रेरित करें |

3 टिप्‍पणियां:

Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा…

दीवाली की इतनी विमाओं में चर्चा करना समीचीन लगा..इस ब्लॉग पर पहली बार आया, सचमुच अच्छा लगा....

shyam gupta ने कहा…

dhanyvaad , prakhar.also see---

--http://vijaanaati-vijaanaati-science.blogspot.com

---saahityshyam

Prem ने कहा…

divali ki goodwishes mereblog par aane ka shukriya .