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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

शाबास सचिन---युवाओं को आव्हान ...डा श्याम गुप्त...


शाबास सचिन--- यद्यपि क्रिकेट के बदशाह सचिन तेन्दुलकर की ५०वीं सेन्चुरी पर फ़िर उन्हें”भारत-रत्न’ प्रदान करने की आवाजें उठने लगी हैं, परन्तु हम इस बात पर उन्हें इस सम्मान के अधिकारी नहीं समझते, यह उनका अपना केरियर व प्रोफ़ेशन है अतः क्रिकेट जगत के सभी सम्मान पाने का उन्हें हक है। भारत रत्न का नही जो देश भक्ति के लिये दिया जाता है, सारे समाज व देश के संदर्भ में,---------हां, क्रिकेट के बाद्शाह सचिन रमेश तेन्दुलकर द्वारा शराव व तम्बाकू का ( २० करोड वार्षिक...) विग्यापन को ठुकराने का फ़ैसला का स्वागत योग्य तो है ही ,एतिहासिक एवं सामाजिक क्षेत्र में साहसिक व मील का पत्थर कहा जाना चाहिये....यद्यपि कहा जासकता है कि इतना अधिक धन जमा होने के पश्चात यह फ़ैसला लेना बहुत आसान है... परन्तु फ़िर भी धन लालसा, लोलुपता, घुटालों के युग में इसे स्तुत्य ही माना जाना चाहिये...जो देश के नेताओं, अधिकारियों अन्य खिलाडियों, कार्पोरेट जगत के लिये एक नवीन द्रष्टि होनी चाहिये..... ---पिछले दिनों सचिन को "भारत रत्न " देने के लिये उनके लाखो क्रिकेट प्रशन्सकों ने काफ़ी दबाव व शोर मचाया था, तब भी हमने लिखा था कि सचिन ने कौन सा देशभक्ति का कार्य किया है , पैसे लेकर खेलना देश भक्ति नहीं अपना धन्धा है....
---यदि सचिन के साथी, समर्थक व देश-विदेश के युवा वास्तव में सचिन को ’भारत रत्न’ सम्मान दिलाना चाहते हैं तो वे उनका अनुसरण करके एक मिशाल रखें । यदि सचिन की इस कदम से युवा व अन्य प्रसिद्ध लोग उद्बोधित होकर शराव, तम्बाकू आदि के विरोध में खडे होने लगें तो यह समाज के लिये एक पुनीत आव्हान होगा.....और तब निश्चय ही सचिन तेन्दुलकर ...भारत रत्न...के अधिकारी हो सकते हैं ....
-----तो हम आव्हान करते हैं युवाओ को जागने के लिये ----अपने प्रिय खिलाडी को ..सम्माम्नित करने के लिये.........


2 टिप्‍पणियां:

G.N.SHAW ने कहा…

VERY GOOD OPTION AND SUGGESSION TO YOUGESTR.YOUR VIEW AND OPRNION,I LIKE VERY MUCH SIR. ONCE AGAIN THANK YOU.

shyam gupta ने कहा…

Thanx, shaw, यदि दो चार युवा भी कुछ मा्ने व फ़ोलो करें, तो हमारा प्रयास कुछ मायनों में सफ़ल हो...