असली रत्न.... ज्ञान, दर्शन व चरित्र न कि पैसा पत्नी, पुत्र .....श्री कांति मुनि
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लैट अस मेक इंडिया ..लाइक ..नॉन-इंडिया
यहां तक कि ........
यू हैव टू रिवील .......ईविंन जस्ट फॉर ऐ क्लिक .....
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----मेरे विचारों की दुनियां -मेरे अपने विचार एवं उन पर मेरा स्वयं का व्याख्या-तत्व तथा उनका समयानुसार महत्व .... --My myriad thoughts, their personal interpretations and their relevance...http://shyamthot.blogspot.com
2 टिप्पणियां:
प्यास हर बार नये रंग में आती है।
"प्यास हर बार नये रंग में आती है".... वाह! क्या बात है पान्डे जी....
----समस्यापूर्ति है..
और बाज़ार को सदा साथ में लाती है....
बाज़ार तो बाज़ार ही होता है यारो,
इसलिये हर प्यास बाज़ारू नज़र आती है।
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