....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
काफी पुराने समय की बात है ..सुना, देखा ,पढ़ा करते थे ...कभी कभी आजकल भी दिख जाते हैं ... गली-कूचों में कुछ लोग... जो अपने को हकीम भी बताया करते थे ... बेचा करते थे.... मर्दाना ताकत की दवा...मुसली,शिलाजीत... सांडा का तेल, जिसे उसी समय किसी तेल में छिपकली टाइप के जानवर को तल कर बनाया भी जाता था ... अखवारों आदि में विज्ञापन भी आया करते थे | उन्हें पढ़े-लिखे लोगों, वैज्ञानिक जगत के विज्ञान-विज्ञान चिल्लाने वाले लोगों में हिकारत की दृष्टि से देखा जाता था |
आज के अखबारों को उठाकर जब देखते हैं तो ...हाईपावर, जापानी तेल, खुशी का होर्स-पावर , स्टे-ओन, मरदाना पावर ..आदि के विज्ञापन भरे रहते हैं |
क्या हम ७०-८० साल में भी वहीं के वहीं हैं ....अथवा पुरातन ..को अंग्रेज़ी, पाश्चात्य या नयी बोतलों में ढाल कर वही माल बेचा जा रहा है |
काफी पुराने समय की बात है ..सुना, देखा ,पढ़ा करते थे ...कभी कभी आजकल भी दिख जाते हैं ... गली-कूचों में कुछ लोग... जो अपने को हकीम भी बताया करते थे ... बेचा करते थे.... मर्दाना ताकत की दवा...मुसली,शिलाजीत... सांडा का तेल, जिसे उसी समय किसी तेल में छिपकली टाइप के जानवर को तल कर बनाया भी जाता था ... अखवारों आदि में विज्ञापन भी आया करते थे | उन्हें पढ़े-लिखे लोगों, वैज्ञानिक जगत के विज्ञान-विज्ञान चिल्लाने वाले लोगों में हिकारत की दृष्टि से देखा जाता था |
आज के अखबारों को उठाकर जब देखते हैं तो ...हाईपावर, जापानी तेल, खुशी का होर्स-पावर , स्टे-ओन, मरदाना पावर ..आदि के विज्ञापन भरे रहते हैं |
क्या हम ७०-८० साल में भी वहीं के वहीं हैं ....अथवा पुरातन ..को अंग्रेज़ी, पाश्चात्य या नयी बोतलों में ढाल कर वही माल बेचा जा रहा है |
3 टिप्पणियां:
रोचक..
आपने बिलकुल सही कहा,,,,
ये तो वही बात है नई बोतल पुरानी शराब,,,,
RECENT POST ...: जिला अनूपपुर अपना,,,
धन्यवाद पंद्रे जी व धीरेन्द्र जी....
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