....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
दिनांक ३०-९-१२ रविवार को
अखिल भारतीय साहित्य साधक मंच की मासिक काव्य गोष्ठी व मुशायरा लायंस क्लब, सरक्की, जेपी नगर के सभागार में वरिष्ठ गीतकार
डा श्याम गुप्त की अध्यक्षता में संपन्न हुई | गोष्ठी के
अतिथि शायर मुश्ताक अहमद शाह एवं कवि भागीरथ अग्रवाल थे | मंच संचालन समिति के अध्यक्ष
श्री ज्ञान चंद मर्मज्ञ ने किया |
गोष्ठी के प्रथम सत्र में कश्मीरी साहित्य के विद्वान
श्री त्रिलोकी नाथ धर ने '
कश्मीरी साहित्य व उसका लालित्य ' विषय पर व्याख्यान देते हुए कश्मीरी भाषा, साहित्य व कवियों के बारे में विस्तार से बताया|
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कश्मीरी साहित्य पर कविवर श्री धर का अभिभाषण |
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उपस्थित कवि, शायर व श्रोतागण |
द्वितीय सत्र में उपस्थित युवा व वरिष्ठ कवियों, गीतकारों व शायरों ने श्रेष्ठ ग़ज़लों, कविताओं व गीतों से श्रोताओं को भाव विभोर किया | यु
वा कवि श्री दिवस गुप्ता ने आधुनिक सभ्यता, अति-विकास व अनियंत्रित विकास के दुष्परिणामों पर ध्यान खींचते हुए कहा...
"छतें ही छतें है दूर तक
जहां नज़र भी हांफने लगे |"
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युवाकवि दिवस गुप्त का काव्य-पाठ |
अध्यक्षीय अभिभाषण में
डा श्याम गुप्त ने अगीत विधा के छंद-विधान पर अपनी नवीन काव्य-कृति
" अगीत साहित्य दर्पण" रचनाकारों व श्रोताओं के सम्मुख रखते हुए काव्य की
अगीत विधा से अवगत कराया तथा लंबी कविता व संक्षिप्त कविता की अपनी-अपनी विशेषताओं का उल्लेख किया |
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कवयित्री मंजू व्यंकट द्वारा काव्य-पाठ साथ में मंच संचालक श्री मर्मज्ञ |
11 टिप्पणियां:
आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल २/१०/१२ मंगलवार को चर्चा मंच पर चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आप का स्वागत है
अखिल भारतीय साहित्य साधक मंच ,बंगलोर द्वारा आयोजित विचार गोष्टी एवं ६७ वीं काव्य गोष्टी व मुशायरे की अध्यक्षता स्वीकार कर और कार्यक्रम के विवरण को अपने ब्लॉग पर स्थान देकर आपने जो हमारा मान बढाया है उसके लिए हम आपका आभार प्रकट करते हैं !
धन्यवाद राजेश् कुमारी जी
धन्यवाद ज्ञानचंद जी एवं अ.भा. काव्य साधक मंच ...आभार ...
बहुत ही अच्छा लगा, अगली बार आयेंगे तो और भी अच्छा लगेगा।
धन्यवाद पांडे जी ..... अभी बेंगलोर में ही हूँ ..
बहुत सुंदर !
शुभकामनाऎं !
इस गोष्ठी के बारे में जानकर काफी खुशी हुई। हिंदी के विकास की धारा को सदैव प्रवाहमान रखना एक बड़ी बात है। मेरे नए पोस्ट पर आप सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद सुशील जी एवं प्रेम जी...आभार
बहुत सुन्दर सार्थक कसाव दार रिपोर्ट नपी तुली .अध्यक्षता के लिए श्याम गुप्त जी को मुबारक .अखिल भारतीय साधक मंच के इस कामयाब आयोजन पर सभी को मुबारक .ज्ञान चंद मर्मज्ञ जी अन्य सुधि जनों को .
ram ram bhai
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मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012
ये लगता है अनासक्त भाव की चाटुकारिता है .
धन्यवाद वीरेंद्र जी हौसला अफजाई हेतु...आभार
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