....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
सूनी सब गलिया पडीं,अब कित रंग तरंग |
बस कविता औ ब्लॉग पर, दिखते होली-रंग ||
बाट जोहता सुबह से, कोई तो आजाय |
होरी है कहता हुआ, मुख पे रंग लगाय |
नल में पानी है नहीं, कैसे रंग घुल पाय |
सूखे सूखे ही चलो अब रंग लेउ उड़ाय |
घर से निकले सोचते, लौटें भीगे अंग |
अपने अपने मस्त सब,लौटे हम बेरंग |
घूरत ही पूरे भये, तुरत बीस सेकिंड |
अब रंग कैसे डालते, कानूनी प्रतिबन्ध |
घूरन की का जरूरत, दो क्षण रंग उड़ाय |
हाथ जहां चाहे परे, बस रंग देऊ चढ़ाय |
सूनी सब गलिया पडीं,अब कित रंग तरंग |
बस कविता औ ब्लॉग पर, दिखते होली-रंग ||
बाट जोहता सुबह से, कोई तो आजाय |
होरी है कहता हुआ, मुख पे रंग लगाय |
नल में पानी है नहीं, कैसे रंग घुल पाय |
सूखे सूखे ही चलो अब रंग लेउ उड़ाय |
घर से निकले सोचते, लौटें भीगे अंग |
अपने अपने मस्त सब,लौटे हम बेरंग |
घूरत ही पूरे भये, तुरत बीस सेकिंड |
अब रंग कैसे डालते, कानूनी प्रतिबन्ध |
घूरन की का जरूरत, दो क्षण रंग उड़ाय |
हाथ जहां चाहे परे, बस रंग देऊ चढ़ाय |
10 टिप्पणियां:
बेहतरीन सुंदर रचना,,,
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाए
Recent post: होली की हुडदंग काव्यान्जलि के संग,
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
आपकी पोस्ट कल के चर्चा मंच पर है
बेहतरीन सुंदर रचना,,,
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाए,,,
Recent post: होली की हुडदंग काव्यान्जलि के संग,
रंग भरे सबकी दुनिया में..
धन्यवाद --धीरेन्द्र जी,दिलबाग,मदन नमोहन जी ,प्रतिभा जी एवं पांडे जी ...
sundar rachna..
होली की बधाई
धन्यवाद कविता जी एवं कुंवर कुसुमेश जी ....
बढ़िया अंग लगाया सजन तूने होरी पर ,अंग अंग मुस्काया सजन इस होरी पे ,बेहतरीन व्यंग्य विनोद अव्वल दर्जे की दोहावली ,सांगीतिक अर्थ पूर्ण रूपकात्मक तत्व लिए है यह पोस्ट .शुक्रिया आपका साइंस ब्लॉग पर टिपण्णी के लिए .
Virendra Kumar Sharma4/1/13, 11:09 PM
बेशक डॉ श्याम गुप्त जी सभी सितारे महाविस्फोट के बाद ही पैदा हुआ हैं लेकिन उत्तरोत्तर एक के बाद दूसरी फिर तीसरी ....पीढियां आईं हैं।सितारे कुदरत के सबसे बड़े रासायनिक कारखाने हैं जो उत्तरोत्तर भारी से और भारी तत्व बनाते चलतें .इसीलिए कुछ अपेक्षाकृत भारी सितारे अपनी जीवन लीला भुगताने के बाद एक प्रबल विस्फोट के साथ फट जाते हैं .इस फटन से भारी तत्व आसपास फ़ैल जाते हैं अवशेष एक बार फिर तेज़ी से सिकुड़ता हुआ न्युट्रोन स्टार भी बन सकता है अन्तरिक्ष का अंध कूप भी .यह इस पर निर्भर करता है जीवन लीला भुगताने बोले तो ईंधन हजम कर जाने पर उसका भार था कितना सौर भार के बरक्स .बहर सूरत शुक्रिया ज़नाब की टिपण्णी के लिए .
चलिए ..इस बहाने आप तशरीफ़ तो लाये ..
वास्तव में उपर्युक्त आलेख का जो वाक्य टिप्पणी में उद्धृत किया गया है वह भ्रामक एवं सुगठित वाक्य नहीं है अतः ऐसा प्रतीत होता है कि दूसरी पीढी 'जो बिगबेंग के बाद पैदा हुई ..' वस्तुतः बिगबेंग का नाम आने की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि सभी सितारे बिगबेंग के बाद ही बने हैं ...सिर्फ पीढी लिखने से ही काम चलता है..
----यह अंग्रेज़ी आलेख की हिन्दी में अस्पष्ट नक़ल का परिणाम है..
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