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...कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
१० -४-२०१४ को मोती महल लान में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले में
अखिल भारतीय अगीत परिषद् एवं सृजन संस्था के तत्वावधान में काव्यगोष्ठी एवं डा श्याम गुप्त की ब्रजभाषा की पुस्तक..
ब्रज बांसुरी का लोकार्पण संपन्न हुआ |
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अध्यक्ष व अतिथियों द्वारा मां वाग्देवी का माल्यार्पण |
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डा योगेश गुप्त द्वारा मुख्य अतिथि का माल्यार्पण |
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हास्य-व्यंगकार श्री सुभाष हुड़दंगी का काव्य पाठ |
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ब्रज बांसुरी का लोकार्पण |
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ब्रज बांसुरी के रचनाकार डा श्याम गुप्त द्वारा पुस्तक से कविता पाठ |
काव्य गोष्ठी कविता में अगीत वाद के प्रवर्तक
डा रंगनाथ मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई |
मुख्य अतिथि श्री विनोद चन्द्र पांडे 'विनोद' एवं विशिष्ट अतिथि श्री शारदा प्रसाद जी एवं डा श्याम गुप्त थे| मां सरस्वती के माल्यार्पण एवं वन्दना पश्चात अतिथियों का माल्यार्पण किया गया
| मंच व्यवस्था श्री पार्थोसेंन एवं संचालन सृजन संस्था के अध्यक्ष डा योगेश गुप्त द्वारा की गयी |
काव्य गोष्ठी का संचालन सृजन संस्था के महामंत्री श्री देवेश शुक्ल देवेश द्वारा किया गया | नगर के तथा बाहर से आये हुए विभिन्न कवियों व कवयत्रियों द्वारा काव्यपाठ किया गया |
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दर्शक गण |
2 टिप्पणियां:
बधायी हो आदरणीय।
बधायी हो आदरणीय।
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