....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
उदयपुर..नाथद्वारा ...कोटा यात्रा ...----भाग -2 उदयपुर .....
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सहेलियों की बाडी |
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सहेलियों की बाडी |
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सिटी पेलेस -बाहरी गेट |
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सिटी पेलेस -मुख्य प्रवेश द्वार |
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सिटी पेलेस |
उदयपुर शहर, दक्षिणी राजस्थान राज्य की
पश्चिमोत्तर भारत में, अरावली पर्वत श्रेणी
पर स्थित है। उदयपुर नगर मेवाड़ के गर्वीले राज्य की राजधानी है। उदयपुर को पहले मेवाड़ के नाम से जाना
जाता था। यहां का मेवाड़ राजवंश अपने को सूर्यवंश से जोड़ता है। प्राचीन नगर प्राचीर द्वारा आबद्ध है
जिसके चतुर्दिक् रक्षा के लिए खाई खुदी हुई है | उदयपुर मेवाड़ के महाराणा प्रताप के पिता सूर्यवंशी
नरेश महाराणा उदयसिंह के द्वारा 16वीं
शती में बसाया गया था। मेवाड़ की प्राचीन राजधानी चित्तोड़ गढ़ थी।
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फ़तेह सागर झील --पीछे लेक पेलेस |
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लेक पेलेस |
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फतेहसागर लेक -- |
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स्थानीय महिलाओं के साथ सुषमाजी बोट पर |
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सिटी पेलेस
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मूल श्रीनाथ जी |
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मूल श्रीनाथजी मंदिर -उदयपुर के निकट जहां पहले मथुरा से लाकर श्रीनाथजी को रखा गया था , नाथद्वारा में मंदिर बनने के पश्चात् ठाकुरजी को वहा स्थापित किया गया |
उदयपुर
जिसे झीलों का शहर कहा जाता है उत्तरी भारत का सबसे आकर्षक
पर्यटक शहर माना जाता है। है। झीलों के
साथ मरुभूमि का अनोखा संगम अन्यम कहीं नहीं देखने को मिलता है। उदयपुर को हाल ही में विश्व का सबसे खूब सूरत शहर घोषित
किया गया है |
खुर्रम
ने जब जहांगीर के खिलाफ विद्रोह किया था तो वह उदयपुर में ही रहा था।
सात बहनें --उदयपुर के शासक जल के महत्वं को समझते थे। इसलिए उन्हों ने कई बाँध तथा जलकुण्ड बनवाए थे। ये कुण्ड उस समय की विकसित इंजीनियरिंग का
सबूत हैं। पिछोला, दूध थाली, गोवर्धन सागर, कुमारी तालाब, रंगसागर, स्वरुप सागर तथा
फतह सागर यहां की सात प्रमुख झीलें हैं।
इन्हेंन सामूहिक रुप से उदयपुर की
सात बहनों के नाम से जाना जाता है। ये
झीलें कई शताब्दियों से उदयपुर की
जीवनरेखा हैं। ये झीलें एक-दूसरें से
जुड़ी हुई हैं। एक झील में पानी अधिक
होने पर उसका पानी अपने आप दूसरे झील
में चला जाता है।
हल्दी घाटी ----
उदयपुर से नाथद्वारा जाने
वाली सड़क से कुछ दूर हटकर पहाडि़यों के बीच स्थित हल्दीघाटी इतिहास प्रसिद्ध वह
स्थान है, जहां 1576 ई. में महाराणा प्रताप और अकबर की सेनाओं के बीच घोर युद्ध हुआ था। इस
स्थान को 'गोगंदा' भी कहा जाता है। यह अरावली शृंखला
में एक दर्रा (pass) हैइसका नाम 'हल्दीघाटी' इसलिये पड़ा क्योंकि
यहाँ की मिट्टी हल्दी जैसी पीली है।
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हल्दी घाटी |
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हल्दी घाटी -संग्रहालय |
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हल्दी घाटी संग्रहालय |
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