दुर्गा देवी रहस्य ...
महादेवी दुर्गा को तीन महा-शक्तियों --महाकाली, शक्ति की देवी...महालक्ष्मी
,धन-संमृद्धि की देवी तथा महासरस्वती, विद्या व ज्ञान की देवी ....का सम्मिलित अवतार कहा जाता है |
महादेवी दुर्गा समस्त दानवों, असुरों व दुष्टों व दुष्टता के विनाश का
कारण बनती हैं...| इस तथ्य का तात्विक अर्थ है कि जब जब समाज में फैले
अनाचार, असुरता आदि के विनाश की आवश्यकता होती है तो वे सभी व्यक्ति व
विद्वान् जिनके पास धन बल है...शक्ति है एवं वुद्धि व ज्ञान का बल है सभी
को समाज से बुराई को दूर करने हेतु संगठित होकर कार्य करना चाहिए |
भगवान राम ने रावण पर विजय से पूर्व इसी महाशक्ति की आराधना की थी | इसका
तत्वार्थ है कि सर्व-शक्तिमान भी जब तक प्रकृति -शक्ति से नहीं जुड़ते
..विजयश्री उन्हें प्राप्त नहीं होती |
विश्व की हर सभ्यता व देश में --सिंह वाहिनी देवी की उपस्थिति है--- चित्र
-गूगल साभार ---चित्र विवरण के लिए चित्र पर क्लिक करें --बड़े आकार के साथ
देखें ---
|
अतार्गिस--सीरिया |
|
सिबेल्ला-पोम्पेयी |
|
अशीराह---योरोप--हिब्रू |
|
ताजकिस्तान |
|
अल्लत -सीरिया |
|
ग्रीक---देवी जीयससे लड़ते हुए |
|
|
स्केमेट- मिश्र की युद्ध देवी |
|
इन्नाना--सुमेरिया |
|
जेनेट--रूस |
|
आर्ट---लायन गोडेस --कनाडा |
|
मोहन जोदारो |
|
'दुर्गा --भारत' |
'सीरिया -अतार्गिस ..'
'वेंशू --चाइनीज़-तिब्बत'
'सेबेल्ला -पोम्पेयी'
'सिंह वाहिनी---चेल्दियांस'
|
ईस्टर--मेसोपोटामिया |
|
सिबेले--रोम की ग्रेट मदर |
|
श्रीलंका |
|
वेंस्हू ---तिब्बत-चीन |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें