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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

मंगलवार, 26 जुलाई 2016

अखिल भारतीय साहित्य परिषद, लखनऊ की गोष्ठी..... डा श्याम गुप्त...




        अखिल भारतीय साहित्य परिषद, लखनऊ की गोष्ठी.....
               ४-७-१६ रविवार शाम को अखिल भारतीय साहित्य परिषद, लखनऊ,महानगर के तत्वावधान में काव्य संध्या का आयोजन डाॅ. सुभाष गुरुदेव के आवास- के. 01,बंसल हलवासिया एन्क्लेव, एच.ए.एल. के सामने इंदिरा नगर में किया गया।   
  
            सुनील बाजपेयी के संचालन में सम्पन्न हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री घनानंद पाण्डेय 'मेघ ' मुख्य अतिथि डाॅ. श्याम गुप्त एवं वि. अतिथि श्री कुमार तरल जी रहे।  

           देर रात तक चले कार्यक्रम में कवियों ने खूब वाहवाही व तालियाँ बटोरीं। काव्य संध्या में सर्वश्री आदित्य चतुर्वेदी,शिव मंगल सिंह मंगल,गौबर गणेश,अनिल अनाड़ी,सुभाष गुरुदेव,श्याम नारायण पाण्डेय, मानस मुकुल त्रिपाठी, विजय त्रिपाठी, डा. सुनीलकुमार, केवल प्रसाद सत्यम, विश्वंभर नाथ अवस्थी और रवीन्द्र नाथ मिश्र आदि वरिष्ठ कवियों की एक से बढ़कर एक रचनाओं ने भाव विभोर किया । 

             
      अंत में मेजबान डाॅ.सुभाष गुरुदेव ने सबका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।           






 

        


       

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