....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
प्रायः यह कहा जाता है कि कपडे पहनने की बात लोग स्त्रियों पर छोड़दें, हमारी इच्छा , पुरुष अपनी सोच बदलें ----परन्तु प्रत्येक कार्य का एक तार्किक कारण होता है न---- निम्न चित्र देखें जहां तीन पुरुष सम्पूर्ण कपडे पहने हुए हैं तो उपस्थित महिला अध् नंगे वस्त्रों में क्यों है --- क्या किसी को इसमें कोई तर्क या यथोचित उत्तर नज़र आता है |
स्त्रियों के वस्त्र व पुरुष की सोच-----डा श्याम गुप्त
प्रायः यह कहा जाता है कि कपडे पहनने की बात लोग स्त्रियों पर छोड़दें, हमारी इच्छा , पुरुष अपनी सोच बदलें ----परन्तु प्रत्येक कार्य का एक तार्किक कारण होता है न---- निम्न चित्र देखें जहां तीन पुरुष सम्पूर्ण कपडे पहने हुए हैं तो उपस्थित महिला अध् नंगे वस्त्रों में क्यों है --- क्या किसी को इसमें कोई तर्क या यथोचित उत्तर नज़र आता है |
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