श्री जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता सम्मान ---- परिचय --
-------पूज्य पिताजी स्व.जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता स्वतंत्रता संग्राम के काल में अपने ग्राम मिढाकुर, जिला आगरा में देश भक्ति के गीतोंको गाने वाली टोली के नायक थे |
------जब अंग्रेज़ी सरकार ने रेल पटरियों की क्रांतिकारियों से सुरक्षा हेतु गाँव के युवकों को ही बेगार में कार्य करने हेतु चुना, उन्हें २-२, ४-४-की टोलियों में रात्रि भर पटरियों की सुरक्षार्थ लगाया जाने लगा | वे मशाल लेकर रातभर पटरियों की सुरक्षा करते थे परन्तु इस स्थिति का भी उन्होंने उचित लाभ उठाया और रात भर देश भक्ति के, स्वतंत्रता के एवं गांधीजी के गीत गाते हुए पटरियों पर दौड़ते थे | यह भी जन आन्दोलन का एक भाग बन गया |
-------पूज्य पिताजी स्व.जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता स्वतंत्रता संग्राम के काल में अपने ग्राम मिढाकुर, जिला आगरा में देश भक्ति के गीतोंको गाने वाली टोली के नायक थे |
------जब अंग्रेज़ी सरकार ने रेल पटरियों की क्रांतिकारियों से सुरक्षा हेतु गाँव के युवकों को ही बेगार में कार्य करने हेतु चुना, उन्हें २-२, ४-४-की टोलियों में रात्रि भर पटरियों की सुरक्षार्थ लगाया जाने लगा | वे मशाल लेकर रातभर पटरियों की सुरक्षा करते थे परन्तु इस स्थिति का भी उन्होंने उचित लाभ उठाया और रात भर देश भक्ति के, स्वतंत्रता के एवं गांधीजी के गीत गाते हुए पटरियों पर दौड़ते थे | यह भी जन आन्दोलन का एक भाग बन गया |
-------पूज्य पिताजी की स्मृति में यह सम्मान २०१५ ई.से प्रतिवर्ष किसी एक
साहित्यकार को १ मार्च साहित्यकार दिवस पर दिया जाता है जिसमें
अंगवस्त्र-शाल, प्रतीक चिन्ह, सम्मान -पत्र एवं प्रतीकात्मक नकद राशि
प्रदान की जाती है | अभीतक यह सम्मान प्राप्तकर्ता निम्न साहित्यकार
हैं------
२०१५----साहित्यभूषण डा रंगनाथ मिश्र सत्य
२०१६--- डा योगेश गुप्त
२०१७--- श्री देवेश द्विवेदी 'देवेश'
चित्र१--पूज्य पिताजी स्व-जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ---
२. वह गीत जिसे वे अकसर गुनगुनाया करते थे ..
३. सम्मान पत्र
२०१५----साहित्यभूषण डा रंगनाथ मिश्र सत्य
२०१६--- डा योगेश गुप्त
२०१७--- श्री देवेश द्विवेदी 'देवेश'
चित्र१--पूज्य पिताजी स्व-जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ---
२. वह गीत जिसे वे अकसर गुनगुनाया करते थे ..
३. सम्मान पत्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें