ब्लॉग आर्काइव

डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

मेरी फ़ोटो
Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

बुधवार, 14 जून 2017

भारत के कला रत्नकोश-— हैलीबिड..बेलूर ----२. बेलूर..... डा श्याम गुप्त

                                   ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

  भारत के कला रत्नकोश-— हैलीबिड..बेलूर ----



     २. बेलूर को मुख्यतः मन्दिर और शिल्प कला का दर्शन कराने वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। हेलीबिड संग जुड़वा नगर कही जाने वाली यह जगह तीन शताब्दियों ११वीं शताब्दी के मध्य से १४वीं शताब्दी  के मध्य तक होयसला वंश का गढ़ था | इनकी स्थापना नृप कामा ने की थी। लेकिन इसे वास्तविक प्रसिद्धि होयसला वंश के शासन काल में बने मंदिरों के लिए मिली। होयसला शासक कला और शिल्प के संरक्षक थे। बेलूर और हेलिबिड में इन्होंने भव्य मंदिरों का निर्माण कराया जो आज भी उसी शान से खड़े हैं।



अर्जुन द्रौपदी स्वयंवर में मछली की आँख में निशाना लगाते हुए

चन्न केशव -विष्णु का दुर्लभ विग्रह --दो व्यक्त पत्नियां भूदेवी {आदि प्रकृति} व श्री देवी{ आदि- सम्पन्नता श्री  वैभव } के साथ ( तीसरी  पत्नी नीला देवी जो आदि शक्ति --राधा हैं अव्यक्त रहती हैं वही मूल आदि शक्ति हैं --शेष कार्यकारी शक्तियां हैं )

चन्न केशव मंदिर वेलूर

चन्न केशव मंदिर -वेलूर

नारी--केश सज्जा

शिकार लेजाते हुए

नारी---साड़ी बांधते हुए




    



 

कोई टिप्पणी नहीं: