....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
जैसे श्रीकृष्ण ने मथुरा के लिए दूध माखन की सप्लाई बंद कराई थी और गान्धीजी ने विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी,
गांधी ने कहा था कि "विदेशी कपड़ों की ऐसी होली जलाई जाए, जो लंदन तक दिखाई दे।" अलबत्ता धुर दक्षिणपंथी भी यह दावा करने का प्रयास करते हैं कि विदेशी कपड़ों की होली जलाने के मूल में सावरकर का विचार था
... उसी प्रकार हमें चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए जो चीन व संयुक्त राष्ट्र तक दिखाई दे -----
जैसे श्रीकृष्ण ने मथुरा के लिए दूध माखन की सप्लाई बंद कराई थी और गान्धीजी ने विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी,
गांधी ने कहा था कि "विदेशी कपड़ों की ऐसी होली जलाई जाए, जो लंदन तक दिखाई दे।" अलबत्ता धुर दक्षिणपंथी भी यह दावा करने का प्रयास करते हैं कि विदेशी कपड़ों की होली जलाने के मूल में सावरकर का विचार था
... उसी प्रकार हमें चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए जो चीन व संयुक्त राष्ट्र तक दिखाई दे -----
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