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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

सोमवार, 4 सितंबर 2017

अखिल भारतीय अगीत परिषद् की गोष्ठी संपन्न ---डा श्याम गुप्त

                         ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ... 

                                  अखिल भारतीय अगीत परिषद् की माह के प्रत्येक प्रथम रविवार को होने वाली गोष्ठी दिनांक ०३-८-१७ रविवार को अगीत के संस्थापक डा रंगनाथ मिश्र सत्य के आवास अगीतायन , राजाजी पुरम पर संपन्न हुई |
                             साहित्याचार्य श्री, साहित्यभूषण डा रंगनाथ मिश्र सत्य की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी के मुख्य अतिथि साहित्याचार्य डा श्याम गुप्त एवं विशिष्ट अतिथि प्राची संस्था के अध्यक्ष डा सुरेश प्रकाश शुक्ल थे |
प्रशस्ति वाचन डा कृष्ण नारायण पांडे ने तथा वाणी वंदना श्री अधीर पिन्डवी, कविवर कपूर निर्दोष एवं अनिल किशोर शुक्ल निडर ने की |
                          श्री अनिल किशोर निडर, प्रदीप गुप्ता, प्रेम चंद शास्त्री, मुरली मनोहर कपूर, राम प्रकाश शुक्ल, अधीर पिण्डवी,डा कृष्ण नारायण पांडे, सक्री असीम जी , डा सुरेश शुक्ला डा श्याम गुप्त व डा रंगनाथ मिश्र सत्य ने कविता पाठ किया |
                             अंतिम सत्र में गोष्ठी के केन्द्रीय कवि डा श्याम गुप्त की काव्य रचना के बारे में सभी उपस्थित विज्ञ कवियों ने संक्षिप्त समीक्षा प्रस्तुत की |

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