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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

सोमवार, 14 अगस्त 2023

स्त्री-पुरुष विमर्श ---मेरी नवीन ऑनलाइन प्रकाशित पुस्तक----डॉ. श्याम गुप्त

....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ... 






 


डॉ. श्याम गुप्त आलेखमाला- श्रंखला -३ .

स्त्री-पुरुष  विमर्श  - विविध आलेख

प्रथम संस्करण----

मूल्य –100/-

सर्वाधिकारलेखकाधीन

रचयिता---   डॉ. श्यामगुप्त, एम बी बी एस , एम एस,

                        हिंदी साहित्य विभूषण , साहित्याचार्य

  सुश्यानिदी, के-३४८, आशियाना कोलोनी, लखनऊ-२२६०१२ 

           मो-९४१५१५६४६, फ़ो.०५२२-२४२५४७५

           ईमेल – drgupta04@gmail.com

मुखपृष्ठ डॉ. श्यामगुप्त

प्रकाशक व मुद्रक--- सुषमा प्रकाशन, आशियाना, लखनऊ -226012

 

 

 

 

Stree vimarsh—vividh alekh

Writer--- Dr Shyam Gupta

Sushyanidi, k-348, Ashiyana , Lucknow-226012 UP(India)

Mo.9415156464, Ph.0522-2425475

Email- drgupta04 @gmail.com

Blog-https//shyamthot.blogspot.com

Published by—Sushama prakashan , Ashiyana, lucknow –UP (India) -22601

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स्त्री -पुरुष विमर्श गाथा

                              आलेख क्रम

 १.स्त्री -पुरुष विमर्श गाथा –एक एतिहासिक दृष्टि... 

२.आखिर हम जाना कहाँ चाहते हैं....

३.आधुनिकता और नारी उत्प्रीणन

४.  ब्रह्मरूप-पुरुष– उठो जागो बोध प्राप्त करो- इनसे कुछ नहीं होगा

५. कार्यरत पति-पत्नी और दाम्पत्य जीवन....   

क्या वास्तव में स्त्री, पुरुष सत्ता से आज़ाद होना चाहती है..

७.  नई सदी में नारी....

८. नर-नारी द्वंद्व व संतुलन, समस्यायें व कठिनाइयाँ..

९. पुनर्मूषकोभव

१०.पुरुषत्व स्त्रीत्व का प्राकृतिक-संतुलन तथा आज की स्थिति.....

११. पोलीगेमी या बहुविवाह प्रथा....

१२.  भारतीय राजनीति के आकाश में नारियों का योगदान

१३. भारतीय साहित्य में स्त्रीपुरुष के परस्पर व्यवहार का संतुलित रूप- ...

१४.महामानवों के निर्माण व सामाजिक श्रेष्ठता संवर्धन में नारी का योगदान 

१५.रस, काम, उद्दीपन एवं बलात्कार

१६.विवाह पूर्व यौन संबंध में स्त्री विवेक के साथ पुरुष विवेक भी आवश्यक है...

१७. विवाह व सहजीवन ...

१८.वैदिक युग में दाम्पत्य बंधन ....

१९. सहजीवन-- मानवता, विकास व संबंधों का आधार,सास बहू व परिजन...

२०. स्त्री -पुरुष सम्बंध पर विवेचना --- 

२१. स्त्री-पुरूष भेद भाव एवं अत्याचार, नैतिकता, बल और बलवान व समाज.

२२.स्त्री-पुरुष संबंधों , अंतर्संबंधों, प्रेम, अधिकार व कर्तव्यों की उचित व पुनर्व्याख्या है

        राधा, कृष्ण व गोपिकाओं की गाथा ....

२३.  हमें सोचना होगा....              

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